इश्क की तामील जो की है बरबाद हुए है हम
तालीम ना जाने क्यों हमे जमाना दे रहा है ?
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ये एक हरवक्त ठोकरों से गिरती हुई ,
अपने जज्बातों को संभाले रखे , जि... read more
जो है जैसा है उसे वैसा ही रहने दो
चराग को ना जलाओ, धुआं है धुआं ही रहने दो...
खूबसूरत है मौसम फिजा को बहने दो
तासीर समा की है मुंतशिर ,उसे मुंतशिर ही रहने दो-
बिखर कर खुद सब कुछ सवारता है वो...
बेअसर सा दिखाई देता है मगर बेहद असरदार है वो....!
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ये ख्वाबों की गली बड़ी ही सकरी है जनाब...
बरसो इंतजार पर ऐतबार करते है...
तब जा कर मिलता है...
आलम खुशी का...!-
बहुत मुद्दतो बाद आज मैं इत्मीनान से सोया हु।
की सच कहता ही तेरी याद में बहुत रोया हु ।
बरसो गुजारे है मैने तेरे इंतजार में, तरसा भी बहुत हु।
तेरी आवाज सुनकर मैं बड़े इत्मीनान से खोया हु।
की बहुत मुद्दत्तो बाद आज मैं इत्मीनान से सोया हु।
खयाल थे तेरे, सवालात भी बहुत थे चुभते हुए से
उनके जवाब आज हासिल हुए, तो मैं इत्मीनान से सोया हु।-
बंद कमरे से खोया हुआ वो कविता वाला अखबार ले आना
की कभी नुक्कड़ वाली वो कुल्हड़ की गर्म चाय भी ले आना
आना कभी तुम इस तरह से की लौट के ना जाना
मिलने आओ तो पुराना गांव के बाजार का दिन ले आना ।
वो मीठी सी गोलियां, वो नमकीन खट्टा वाला
वो घूमती हुई फिरकनी, वो कंगन का जोड़ा ले आना
आना कभी तुम इस तरह बेवजह की लौट के ना जाना
मिलने आओ तो पुराना गांव के बाजार का दिन ले आना।-
किसिका बार बार दोगलापन देखने के बाद...
खामोश हो जाता है इंसान...
फिर ना सवाल होते है उससे, ना होते है कुछ जवाब..
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कभी कभी व्यक्ति को उसके हर मूर्खता पूर्वक दिए हुए तंज और व्यंग का जवाब देना जरुरी नही होता ...
क्युकी ऐसा व्यक्ति तब ही करता है जब उसे सिर्फ अधूरी सच्चाई ही पता हो....!
ऐसे मुर्ख को सदा जान बुझ कर विजयी ही बना देना चाहिए...!-
दिशाहीन जीवन जो व्याकुलता से तर ना पाए।
प्रकाश मिला जीवन को जब जीवन में गुरु आए ।।
सब भय, शोक, चिंता से जब मन मुक्ति ना पाए।
सदगुरू की वाणी ही हमे एक नई राह दिखाए ।।
गुरु ही भक्ति, गुरु ही शक्ति, एक गुरु ही जीवन आधार।
गुरु से ही मिले ज्ञान, गुरु से सपने सारे,भवसागर है पार ।।-