QUOTES ON #भगवान_परशुराम

#भगवान_परशुराम quotes

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जिनका शौर्य अपार, शस्त्र शास्त्र के वो धाम हैं,
नारायण के अवतार वो भगवान श्री परशुराम हैं।
वैशाख शुक्ल तृतीया को अवतरित हुए परशुराम हैं,
शिव जी के प्रदत्त परशु के धारी श्री परशुराम हैं।

भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जय श्री परशुराम जी 🚩🚩

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3 MAY 2022 AT 13:29


"छप्पय छन्द"

जिनका शौर्य अपार, परशु है कर में राजे।
नारायण अवतार, अंस सारंग विराजे।।
करें पतित संहार, धर्म का बनते रक्षक।
दुष्टों का कर नाश, बनें वसुधा संरक्षक।।
न्यायप्रिय धैर्यवान जो, शस्त्र शास्त्र के धाम हैं।
परशुराम भगवान को, हम नित करें प्रणाम हैं।।

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10 MAY 2024 AT 15:51

ज्ञानवान बलवान, विष्णु के जो अवतारी।
परशुराम शुभ नाम, धरित्री के दुखहारी।।

शुक्लपक्ष वैशाख, तृतीया तिथि अति पावन।
हरने महि सन्ताप, वंश भृगु के उजियारी।।

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22 APR 2023 AT 13:58

भृगुनन्दन भव भाम, वंश भृगु के उजियारे।
अतुल विपुल रणधीर, धर्म ध्वज के रखवारे।।
धीर-वीर बलवन्त, तात के आज्ञाकारी।
आनन क्रोध प्रचण्ड, सन्त के शुभ हितकारी।।
ज्ञान पुंज के दीप जो, अधर वेद का गान है।
सत्य सनातन धर्म हित, काँधे पर धनु बान है।।

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25 APR 2020 AT 10:05

परशु और तप, ये दोनों वीरों के ही होते श्रृंगार...
क्लीव न तो तप ही करता है, न ही उठा सकता है तलवार... तप से मनुज दिव्य बनता है, षड् विकार से लड़ता है... तन की समर-भूमि में लेकिन काम खङ्ग ही करता है... मुख में वेद, पीठ पर तरकश, कर में कठिन कुठार विमल,... शाप और शर, दोनों ही थे, जिस महान ऋषि के सम्बल... आज जयंती है उसी महामुनि बलशाली की, भृगु के परम पुनीत वंशधर, व्रती, वीर, प्रणपाली की...
#रामधारी सिंह दिनकर जी की रश्मिरथी के अंश, द्वितीय सर्ग, भाग दो से...

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2 MAY 2022 AT 8:59

शस्त्र हो या शास्त्र दोनों के अक्षय शक्ति अवतारी,
श्रीहरि विष्णु के अमर अवतारी भगवान परशुराम।

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14 MAY 2021 AT 11:05

परशु में भगवान शिव समायों, राम नाम में विष्णु,
अक्षय शक्ति, अमर अवतारी तव परशुराम कहायों।

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7 MAY 2019 AT 2:04

पराक्रम के कारक...
एवं विष्णु भगवान के छठे अवतार
--भगवान परशुराम की जयंती की
हार्दिक शुभकामनाएं...!

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भगवान विष्णु के छठवें अवतार, ब्राह्मण कुल की शान हैं!

फरसाधारी देव हमारे भगवान परशुराम है!!

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14 MAY 2021 AT 8:47

जातीय गर्व पर क्रूर प्रहार हुआ है,
माँ के किरीट पर ही यह वार हुआ है।

कुत्सित कलंक का बोध नहीं छोड़ेंगे,
हम बिना लिये प्रतिशोध नहीं छोड़ेंगे,
अरि का विरोध-अवरोध नहीं छोड़ेंगे,
जब तक जीवित है, क्रोध नहीं छोड़ेंगे।


- रामधारीसिंह 'दिनकर' जी

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