बेशक़, वक़्त का मारा हूँ, मग़र मुझमें अभी जान बाकी है,
जाकर कह दो आसमां से, परिंदे की अभी उड़ान बाकी है।-
Mohit
(मीत)
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Joined 30 May 2020
30 NOV 2022 AT 17:33
19 NOV 2022 AT 8:24
मैं ढूंढता रहा इश्क़ उसकी बातों में, आँखों में,
उसका इश्क़ छुपा था उसकी नज़्मों में ग़ज़लों में।-
17 NOV 2022 AT 14:31
मैं उसका सारा हुस्न चुरा लाया हूँ अपनी आंखों में,
''मीत'' अब रोज होगी उससे मुलाक़ात ख़्वाबों में।-
16 NOV 2022 AT 22:09
मैं उसके दिल से होते हुए ब्लॉक लिस्ट तक पहुंच गया,
एक शानदार सफ़र का, उससे भी शानदार अंत हुआ।-
16 NOV 2022 AT 7:21
तुम मेरी चाय में, तुम्हारे लबों की मिठास घोल दो,
मेरा दिन बन जाएगा, तुम मेरे लिए इश्क़ बोल दो।-