Rishabh Divyendra  
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Joined 8 February 2019


Joined 8 February 2019
25 APR AT 13:06

प्रतीक्षा
(कुण्डलिया)

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17 APR AT 12:54

नवमी शुक्ला चैत्र की, प्रगट भए प्रभु राम।
आह्लादित संसार है, मुदित अयोध्या धाम।।
मुदित अयोध्या धाम, घड़ी शुभ मंगल आई।
आनन्दित रनिवास, द्वार पर बजे बधाई।।
कहे ऋषभ मनमीत, मनाते दुःख अधर्मी।
दशरथ मुख मुस्कान, लिए आई तिथि नवमी।।

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9 APR AT 12:16

आनन्दित डाली, अरुणिम लाली, अभिनन्दन नववर्ष।
हुलसित हृद क्यारी, छवि मनहारी, होता नित आकर्ष।।
महकी अमराई, ले अँगड़ाई, उठे हृदय में हर्ष।
अन्तस की आशा, छँटे निराशा, प्रतिपल हो उत्कर्ष।।

छाए वैभवता, हो समरसता, सुखमय-सा संसार।
गत को अब भूलें, अम्बर छूलें, स्वप्न सकल साकार।।
यह बात पुरातन, कहे सनातन, परहित हो उपकार।
मंजुल मनभावन, प्रेमिल पावन, पुष्प खिलें हर द्वार।।

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14 SEP 2023 AT 13:04

हिन्दी है भाषा घर-घर की, जन-जन की पहचान।
विजय पताका इसकी फहरे, इसको दें सम्मान।।

तत्सम तद्भव देश विदेशी, हिन्दी का लालित्य।
भाव रसों से सजा पड़ा है, विस्तृत-सा साहित्य।।

– –ऋषभ दिव्येन्द्र

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22 APR 2023 AT 13:58

भृगुनन्दन भव भाम, वंश भृगु के उजियारे।
अतुल विपुल रणधीर, धर्म ध्वज के रखवारे।।
धीर-वीर बलवन्त, तात के आज्ञाकारी।
आनन क्रोध प्रचण्ड, सन्त के शुभ हितकारी।।
ज्ञान पुंज के दीप जो, अधर वेद का गान है।
सत्य सनातन धर्म हित, काँधे पर धनु बान है।।

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6 APR 2023 AT 13:50

हे बजरंग बली बलवाना।
अंजनि नंदन शील निधाना।।
हे दुख भंजन संकट हारी।
राम प्रिये हनुमा शुभकारी।।

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30 MAR 2023 AT 13:02

रघुकुल के कुलगौरव राघव, जग के पालनहार।
अभिनन्दन वन्दन रघुनन्दन, अखिल जगत के सार।।

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22 MAR 2023 AT 13:34


नववर्ष


मन भाता संसार मुदित, होता है हिय में हर्ष।
सिन्दूरी-सी भोर लिए, साथी आया नववर्ष।।

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17 MAR 2023 AT 14:20

वेदना हिय में छिपा कर, मुस्कुराता हूँ सदा।

है यही अंदाज मेरा, है यही मेरी अदा।।

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7 MAR 2023 AT 13:32

"रंगोत्सत्व"

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