मुखौटा पहने गुजरता
है सारा दिन मेरा ,
रात आकर मुझको बेनकाब करती है।-
7 JUN 2020 AT 0:29
20 JAN 2019 AT 6:29
खुद को भरी महफिल में उसने, जो बेनकाब किया,
जैसे चंद सितारों के बीच रौशन, इक माहताब किया,
देखते ही रह गए सब, निगाहें किसी की हटी ही नहीं,
हंसी चेहरे ने उनकी, सूखे फूलों को फिर गुलाब किया!-
3 JAN 2021 AT 11:41
जो करीब नहीं है उनमें और दूरी आने दो,
हकीकत सामने आती है तो पूरी आने दो..!!
वो बेवफ़ा जो खुद को खुदा बता रहा है,
बेनकाब करूंगा खुदा की मंजूरी आने दो..!!-
30 DEC 2020 AT 12:59
मेरी ही नज़र से बचाएँ उन्हें रब...
कि बड़े दिनों बाद वो बेनकाब नजर आए हैं!!!-
2 JUN 2018 AT 3:01
चाँद भी समझ लेता है धरती को आईना
चाँद के रूबरू जब वो बेनकाब आते हैं-
19 FEB 2020 AT 17:59
आज मंजर खराब हो जाता
अगर पुराना हिसाब हो जाता
ठीक है बात बढ नहीं पाई
वरना वो बेनकाब हो जाता-
7 JUN 2017 AT 12:30
मै बेजुबान ही ठीक हू
अगर बोल पडी तो बहुत लोग
बेनकाब हो जाऐगे ।।-
9 OCT 2020 AT 22:58
इस बात को गाँठ बांधकर रखो,
सच पर कोई नाकाब नहीं होता है,
और झूठ को हमेशा बेनकाब करता है।-