बिना बदरा के बिजुरिया कैसे चमके
कैसे चमके? कोई पूछे रे हमसे
बैठे हों जब मीठे सपने सजाई के
ऐसे में हौले से पास कभी आई के
जो बिछवा बजाई दे गोरी छम से
कसम से!
बिना बदरा के बिजुरिया ऐसे चमके-
22 JAN 2020 AT 12:12
27 JUN 2019 AT 18:05
दरसल ये विद्युत मंडल की साज़िश है
जो बिज़ली गुल कर
बारिश का शोर सुनने की दरकार है-
19 JUN 2017 AT 16:19
उन ऊँचे पेड़ों सी है मेरी दास्तां
जो बिजली से इश्क कर गए,
मिला कर उसे ज़मीं से
खुद राख बन गए।।-
4 MAR 2018 AT 19:58
तूने हरियाली चुनी
मुझे दे दिया बंजर
जैसे समंदर के सीने में
बादलों ने घोंपा खंजर-
7 APR 2020 AT 21:01
एक मध्यम आँच सी आवाज़ मैरे रोम-रोम में बस जाती है,
जो तू सामने आ जाये मुझ पर बिजली सी गिर जाती है।-
23 AUG 2018 AT 18:38
बादलों से करता हूँ जब भी तेरी बात
चमकती है बिजली और होती है बरसात-
16 SEP 2018 AT 21:08
अब भी छूआ करती हैं मुझे
तेरी यादों की तितलियाँ
अब भी गिरा करती हैं मुझ पर
तेरे वादों की बिजलियाँ-
15 JUN 2018 AT 5:23
इस साल बल्ब बँटवा दो गाँवों में
बिजली भी आयेगी ये वादा है हमारा-
26 APR 2020 AT 19:17
यूँ तिरछी निगाहों से जब तुम मुझे देखती हो न और अचानक से जो नजरें चुराती हो....
सुनो! सच कहूँ तो यहिं वो लम्हा होता है जब तुम सबसे ज्यादा बिजली गिराती हो....-