कोई मिला ही नहीं जो दिल-ए-मकां में रहे बेनाम
है अगर कोई बिछड़ा परिंदा तो रह सकता है यहाँ-
बिछड़ा जो एक बार, फिर दुबारा ना मुलाकात हुई,
कभी यादों में थम गए आँसू, कभी बरसात हुई।
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नही है मेरे पास अपनी कोई कहानी...
मैं मेरी ही कहानी से निकाला गया किरदार हूँ।।-
एक दिन हम भी कफ़न औढ जाएंगे..
हर एक रिश्ता इस जीवन से तोड़ जाएंगे...
जितना जी चाहे सतलो यारो....
एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएंगे-
हवाओं ने रुख बदला प्यार में एक मोड़ आया,
यार तो मेरा बिछड़ा और रोना उसको आया।
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मेरे दिल तूने तोड़ दिया....
एक पल में...
एक पल भी नहीं सोचा मेरे बारे में...
जा घर बसा ले किसी और के साथ...
पर मेरे दिल में हमेशा तू ही रहेगी...-
फिर जगी तमन्ना जीने की
खुशी ने दरवाजा खटखटाया है।
मेरा बिछड़ा हुआ हमसफ़र
जो लौट आया है।-
बिछड़ा इश्क!
कैसे बताऊं तुझे मैं
अपनी दिल की दास्तां,
कैसे तय करूं मैं तुझ
तक पहुंचने का रास्ता,
तेरे जाने के बाद मेरी
जिंदगी हो गई वीरान सी,
बस एक दफा अपनी दीदार
करा दे तुझे है रब का वास्ता।।-
आख़िरी बार वह उस शान से बिछड़ा था कि
फिर उससे मिलने के लिए दिल नहीं माना अपना-