'अभी' तो बस 'टुटा' हूँ मैं 'अभि,' अभी मेरा बिखरना बाकी है।
जो 'बिखर' भी जाऊँ तो याद रखना मेरा 'संभलना' अभि बाकी है।
और जो 'संभलकर' खड़ा हो गया तो मेरा 'निखरना' अभि बाकी है।
जो टूटके-बिखरके -संभलके निखर गया तो मेरा चमकना बाकी हैं।-
मुद्दतों बाद उसके रुबरू हुआ तो जाना 'अजनबी'
निगाहें उसकी तब भी बाज़ीगर थी और अब भी बाज़ीगर है।
सागर 'अजनबी'-
#बाज़ीगर
'इम्तिहान ए लड़ाई' का जीतना 'अभि' ज्यादा जरूरी नहीं होता हैं...
कि वो जो सबका दिल जीत जाए न असली 'बाजीगर' वहीं होता हैं....-
बहुत ग़ुरूर हैं तुजको
ए सिरफ़िरे तूफ़ां
ज़िद्द मुझको भी है
दरिया को पार करना।।-
लिख़ने का शौक नही है मुझे,
बस अल्फाज़ो की बाज़ीगरी सीख रहा हूँ।-
मेरी चाहत को समझ पाना तेरे बस की बात नहीं,
मै खुला समन्दर हूं तेरी सोच दरिया तक है!-
"मन" मेरा यक़ीनन पक्का "नट" है।
हैरतअंगेज कलाबाज़ीयों का अभ्यस्त है।
हवाई जहाज़ उड़ाने तक की सोच लेता है,
जैसे उस तकनीक में भी ये सिद्धहस्त है।
कमाल है कि नहीं, बस अपनी ही कियो रहो।
जैसे कि सारी स्थितियां तुम्हारी मातहत हैं।
वह सारे काम जो मैं करने से डरती रहती हूं,
उसे खुलेआम करने में इसकी बादशाहत है।
बंदिशों को ताक पर रखके मुझे उकसाने में
इसकी सर्वगत बाज़ीगरी भी जबरदस्त है ।
तभी तो अब ये विश्वास पक्का हो गया कि
मैं इसकी नहीं....."ये ही मेरा सरपरस्त है" !!
जया सिंह 🌺
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कभी गुजरना इस राह तो देख ज़रूर लेना,
कहीं पत्थर तो नहीं हुआ, तेरे दिल की तरह!-