बिना सियासत और दौलत के भी सिर पे ताज रखती है,
बेटी जब तक बाप के घर हो तो रानी जैसे राज करती है।।-
कोई ख़्वाब तो कोई अरमान बेच देता है
दाम मिले गर अच्छा तो स्वाभिमान बेच देता है
एक बेटी के ख़ातिर वो हर रात बेच देता है
एक सुकून के ख़ातिर हर मुस्कान बेच देता है
ना दुःख मिले बेटी को इसलिए मकान बेच देता है
ख़्वाबो के साथ साथ हर अरमान बेच देता है ।।-
बाप -बेटी और माँ
(माँ के प्रति स्नेह )
(poem in caption👇👇👇)
please read...
-
हर तरफ़ है ज़िन्दगी बिखरी हुई
ढूढ़ता हूँ मैं हँसी खोई हुई
आसमाँ में क्यों उड़े मेरी पतंग
है अग़र जब डोर ही उलझी हुई
छोड़ना भारी पड़ा प्यादा मुझे
फ़िर उसी से मात थी मेरी हुई
सोचता है तू अग़र मेरा भला
थाम ये दीवार भी गिरती हुई
ज़िस्म तो है गर्म पर वो मर चुका
शोर करती है नदी बहती हुई
बाप हूँ बेटी विदा कैसे करूँ
रो रही है बेबसी लिपटी हुई
बदनसीबी की यही है इंतिहा
लौट जाती है ख़ुशी आई हुई
कुछ अलग़ अंदाज़ है 'बिंदास' का
बात करता है बड़ी सुलझी हुई-
मुझे नहीं पता ऊपर वाले ने तकदीर में क्या लिखा है, जब मुस्कुराते है मेरे पापा मुझे देख कर समझ जाती हूँ कि मेरी तकदीर बुलंद हैं.😊
-
मुली,बापाचं नाते म्हणजे
दोन जीव आणि एक प्राण..
तिच्या सर्वस्वी सुखासाठी
देहाचे बनवी तो वहाण..-
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई✨
कल तक अपनों के साथ ना बैठने वाली,
आज गैरों के बीच उठने- बैठने लगी..
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई
कल तक पैसों का मोल न जानने वाली,
आज हिसाब करना सीख गई..
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई
कल तक मर्जी़ का खाने वाली,
आज करेला खाना सीख गई..
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई
कल तक जो फरमाइशें करती थी,
आज अपनी जिम्मेदारियां निभाना सीख गई..
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई
कल तक जो लोगों से अंजान थी,
आज लोगों को समझ गई..
आज एक पिता की लाडली बड़ी हो गई
कल तक माँ-बाप के साथ रहने वाली,
आज अकेला रहना सीख गई....
आज सच में एक पिता की लाडली बड़ी हो गई.. 🌸💖
-
पापा,
ख़ामोशी से ही मेरे लिए दुवाए माँग लेते हो,
मेरे लिए प्यार बातो से नहीं अपने कामों से जता देते हो।
रूठ जाऊँ तो मनाने आ जाते हो आप,
एक आँसू की बूँद टपकते ही कई बार माफ़ी माँग लेते हो आप।
लड़ते झगड़ते तो बहुत है हम,
पर एक बाप बेटी की तरह नहीं भाई बहन और दोस्तो की तरह लड़ते हैं हम।
मेरी ज़िंदगी फीकी पड़ जाएगी आपके प्यार और दुआओं के बिना,
में अधूरी हूँ आपके साथ के बिना।-