हर बार एक सवाल ज़ेहन में तबाही मचा जाता है,
की आज भी हम ऐसे समाज़ का हिस्सा है जहां,
हर बाप की इज़्ज़त अपनी बेटी के हाथों में होती है,
और जायदाद के कागज़ात सिर्फ बेटे के हाथों में।-
विदाई के बाद भी बेटी पराई नहीं होती,
तभी हँसकर किसी बाप से बेटी की विदाई नहीं होती...
#बेटी_कभी_पराई_नहीं_होती❤️😢-
रिश्ते निभाकर
यह जान लिया हमनें..
माँ-बाप के
सिवा कोई अपना नंही होता-
बाप के कपड़े फट गए बेटी को पहनाने में,
बेटी ने कपड़े उतार दिए,फॉलोअर्स बढ़ाने में...
' आज का कड़वा सच '-
मेरे घर में चारों तरफ दिखाई दे वों..।
मुझे कमरो की दीवारें उसके जैसी चाहिए..।
और..,
अपने बाप के इज्जत की खातिर छोड़ा उसने मुझे.।।
या अल्लाह मुझे बेटी उसकी जैसी चाहिए.।।
ये कॉपी है..!किसी बड़े शायर का.,
#NEXT इसी तर्ज पर मेरा भी है.।आप बताएंगे किसका अच्छा है..!प्लीज👉🙏-
बाप की पगड़ी ने जमीं की मिट्टी तक न छुई,
बेटी की ख़्वाहिशों ने पैर छूने को मजबूर कर दिया!-
बाप की रज़ामन्दी भी ज़रूरी है...! घरवलो की नाराज़गी से रिश्ते क़ायम नहीं रहते..!
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"मुफलिसी भी तोहमत है बेटियों के लिये
सुना है बाप गरीब हो तो रिश्ते नहीं आते"-
हर किसी को बदलता देख लिया,
मौसम को छोड़ो इंसान को मैंने बदलता देख लिया,
पापा ने समझाया था पर शायद उन्ही को ग़लत समझ लिया।।
अपनी हर ख्वाहिश को मैंने उनकी ख्वाहिश बनते देख लिया,
सुबह पापा ने काम करके रात को मैंने जो मांगा था मुझको लाकर दे दिया।।
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