माँगने से मिल सकती नहीं हमें एक भी ख़ुशी,
पाये हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर... !!-
इलाज इश्क का क्या है हमें बताये कोई,
जो दर्द दिल में उठा है उसे मिटाए कोई,
तलाश उसकी मुझे हर जगह रहती है,
मिलेगा मुझको कहाँ वो जरा बताये कोई।-
जो किए ही नहीं कभी मैंने
वो भी वादें निभा रहा हुँ मैं ,
मुझसे फिर बात कर रही है वो
फिर से बातों मे आ रहा हुँ मैं ..!!
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नजर अक्सर शिकायत आज कल करती है दर्पण से ,
थकन भी चुटकिया लेने लगी हैँ तन से और मन से !
कहाँ तक हम संभाले उम्र का हर रोज गिरता घर ,
तुम अपनी याद का मलवा हटाओ दिल के आंगन से ..!!-
प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं।
बेरुखी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नही..!!-
हो सकें तो अब कोई सौदा न करना !
पिछली दिल्लगी में सब कुछ हार चुका हूँ मैं !!-
तारीखों में कुछ ऐसे भी मंजर हमने देखे है,
कि लम्हों ने खता की थी, और सदियों ने सजा पाई।
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आयत सुनाओ सब्र की कोई कुरान से
वरना उलझ पडूंगा मैं सारे जहान से ,
वो शाम आज तक मेरे सिने पे नक़्श है
एक शख़्स फिर गया था जब अपनी ज़बान से ..!!-
दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता,
चन्द कलियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता ।
आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम,
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता ।-