کسی طرح کی کرامات میں نہیں آتا
وہ کیا بدن ہے مرے ہاتھ میں نہیں آتا
किसी तरह की करामात में नहीं आता
वो क्या बदन है मिरे हाथ में नहीं आता-
28 JUN 2020 AT 23:42
13 JUL 2020 AT 17:32
मेरी फ़ितरत नहीं है कि इश्क़ को नंगा करूं
बिस्तर पे जिस्म को नोचू इश्क़ का धंधा करूं
नहीं ख़्वाहिश रात भर चूमूं उसे
बदन को छलनीं रूह को मुर्दा करूं
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6 JUL 2020 AT 12:06
भीगा बदन हो बारिश का कहर ,
तेरे होठों से लगा मेरे होठों का जहर !-
6 JUN 2020 AT 18:26
मैं और ऐब !
मैं जिस्म बदन हुस्न पर लिखने वाला
प्यार करने वाला बदनाम शायर हूं।
इल्जामात नए है, पर सही है।-
20 MAY 2020 AT 10:30
मेरे बदन पर तेरे इश्क के निशान ,
तेरे हल्की सी मुस्कान दोनों जहर है।-
26 MAY 2020 AT 19:17
तड़प
मदहोशी की हालात में छोड़ जाना
जैसे जलती चिता को पानी देना
झुलसता बदन और चिता से धुआं-
31 OCT 2019 AT 20:22
फूल जब आँचल में अँगारे बन जाते हैं
फिर कपड़ों की बनती है राख और बदन जल जाते हैं-