Mahender Kumar   (Sani)
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Joined 29 November 2017


Joined 29 November 2017
17 APR AT 11:32

आदमी का जो है मर्तबा राम हैं
उसके खोए ख़ुदा का पता राम हैं

नद्दियाँ जैसे मद्गम समुंदर में हों
ऐसे मंज़िल का हर रास्ता राम हैं

कौन है किसका संसार में दोस्तो
सारे आलम का इक आसरा राम हैं

साँस सीता के माथे का सिंदूर है
चेतना की अचल साधना राम हैं

आत्मा की जिन्हें कुछ ख़बर ही नहीं
वो ये क्या जानें परमात्मा राम हैं

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3 MAR AT 22:43

उसको क़तरा शराब है सागर
जिसको पीने का कुछ सलीक़ा है

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3 MAR AT 15:00

"औरत"

मर्द का तसल्सुल

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3 MAR AT 13:30

'तन्हाई'

दुनिया की तन्हा सच्चाई

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3 MAR AT 13:00

'घर'

मेरी तन्हाई का अड्डा

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27 FEB AT 1:12

दुनिया तो ख़ैर दुनिया है

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27 FEB AT 1:10

हमें मुकम्मल करते हैं

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27 FEB AT 1:09

किसका आना जाना है

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27 FEB AT 1:07

देखता है ख़्वाब मन

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27 FEB AT 1:04

समझ नहीं पाता है आख़िर क्या है उलझन

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