फ़िक्र में वो तमाम यादें, ख्यालों में उथल-पुथल दे गई,
मगर गई तो भी वो लेकिन मुझमें अपनी कमी दे गई!
नींदों में ख़्वाबों का रेला और यादों का नजराना दे गई,
हकीकी नहीं लेकिन फिर भी एक धुंधली तस्वीर दे गई!
आँखों में कतरे अश्कों के और पलकों में सैलाब दे गई,
जाते जाते खत में वो पहला पहल सूखा गुलाब दे गई!
आँखों मे अक्स दर अक्स और खुद की परछाई दे गई,
दूर बहुत दूर होकर भी लेकिन वो नजदीकियां दे गई!
खामोशियों में लफ्ज़ और लफ्ज़ों में खामोशी दे गई,
लेकिन अनकही बातों की दर्दभरी फ़ेहरिस्त दे गई!
दुआ में खुद और ख़्वाहिश में मन्नत का धागा दे गई,
सिंदूर के हक़ में वो लेकिन अपना सबकुछ दे गई!
रूह में मोहब्बत और मोहब्बत की एक मिसाल दे गई, _राज सोनी
सबकुछ छीन के मुझसे लेकिन वो अपना दुपट्टा दे गई!-
परेशानियों की फेहरिस्त
चाहे कितनी भी लम्बी हो
उम्मीदों का दामन कभी न छोड़ना
इक रोज़ मुकाम हासिल होगा जरूर
तुम चलना कभी न छोड़ना-
ख़्वाबों की फे़हरिस्त बड़ी लम्बी है मेरी
हो सके तो कोई नींदे उधार दे दो मुझे-
तक़ाज़ों में नौष फरमा रहा था ।
फेहरिस्तों से बाहर होते-होते,
रिश्तों से बाहर होना भी सीख गया हूँ ।
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ज़िंदगी बर्बाद करने के तरीक़े हैं और भी
फिर भी मोहब्बत फेहरिस्त में सबसे ऊपर है।-
✍️"माँ की पसंद का भी जवाब नहीं..."🌴
मन में तराशे गए
सामानों की फेहरिस्त ले, 🎑.....🍃
आने के उस दिन की
इंतज़ार में सहेज के धरे, 🎀.....🍀
शायद दिल के अरमानों को पूरा करने का
मंसूबा खरा दिखा उन्हें। 🎉....🌿
जो दिन आया तो हमारे भी पैसे लगाया उन्होंने
खरीदने में जो ठीक लगा उन्हें। ✍️.....🌱-
मेरी ख्वाहिशों की फेहरिस्त में
शामिल है दिल तुम्हारा,
शायद तुम्हें वो प्यार दे दूं
जो कभी खुद को भी ना दिया।
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Mr. Bond√√-
लम्बी फ़ेहरिस्त में
उनके लबों से इक नाम सुनते हैं,
इश्क़ के जंगल से
वो जैसे पलाश चुनते हैं।-