पैसे ने अपना खेल रचाया है
क्या राजा , क्या रंक ?
सबको नचाकर छोड़ा है
पैसे ने ही रिश्ते नाते सब छुड़ाए
पैसे ने ही यार-दोस्त बनाएं
पैसों पर ही बिकते अब ख्वाब है
सूनी आंखों में अब जंचते कहा ख्वाब है
इस कलयुग में पैसा ही समाधान है
हाय! कितना शोर मचाएं ये पैसा
पैसा ही सम्मान पाता
पैसा ही मान बढ़ाता
मरने का सुकून भी
पैसे वाला ही पाता
ये पैसा क्या-क्या स्वांग रचाता
बड़ा निर्मोही है ये पैसा
हर पल अपना दांव बदल जाता
आंसुओं की भी कीमत लगाता
घर-घर भीख मंगवाता ये पैसा
सारा जग बेच सुकून पाए ये पैसा
झुठ को भी सच बनाएं पैसा
पैसा-पैसा कर दुनिया ये बावली हो जाएं
वजूद बनाता तो वजूद मिटाता ये पैसा
लहुलुहान करवाएं ये पैसा
क्या बाप , क्या बेटा
फर्ज भुलाएं ये पैसा
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कीमत नोटों की भी गिर जाती होगी शायद,
सुना है बहु के मायके से मिली हर चीज
काम चलाऊ होती है...!!-
गर कोई रिश्तों के आगे पैसे को चुने तो तुरंत राये बना ली जाती है कि खुदगर्ज इंसान है वो
मगर वही रिश्ते, जब आपके पास खुद के कमाए पैसे ना हो, तो ताने मार मार के जिन्दा ही मार देते हैं ..-
जो दूर से दीखता है असल में वैसा नही होता,
जो चेहरे पर झलकता है अंदर से वैसा नही होता,
हर चीज़ की अहमियत मत आकियें पैसे से,
दुनिया में हर चीज़ की कीमत पैसा नही होता…
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सपने अधूरे रह गए,
इस पैसो कि दुनिया में।
यह दुनिया भी पैसो कि है,
जिंदगी भी अधूरी है।।
मतलबी यह दुनिया सारी,
कलम से अब क्या लिखू।
पैसो के पीछे चलती यह दुनिया,
पैसो कि दुनिया रह गईं।।
स्याही नहीं है पेन में अब तो,
कविता अधूरी ना रहा जाये।
यह दुनिया भी पैसो कि है,
जिंदगी अधूरी ना रहा जाए।।-
पैसों में बहुत गर्मी होती है साहब,,
सबसे पहले रिश्ते जलकर खाक़ होते हैं.. ¡-
पैसे से ही ताकत
पैसे से ही रिश्ते
पैसे से ही फितरत
पैसों से ही किस्मत
पैसों से ही आधे हिस्से
पैसे से ही सारे किस्से
पैसों से ही सारे हसरत
पैसे से ही होती कसरत
पैसों से ही होती जिंदगी
पैसे से ही होती मौत
पैसों से ही होती मेरी पहचान
पैसे पर ही टिकी सबकी जान
ए खुदा किस मोर ले आया
जहां जिंदगी सिर्फ पैसों की
जंजीर हो आया ।-
मां बाप ने बेटी बेच डाला, चंद पैसे की लालच में।
फिर भी वो फरिश्ता रहे ,अपनी निगाहों में ।।-