सिर्फ उन्हें साथ रखो,
जिन्हें आपका साथ पसंद है।।-
B.Ed student...
'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन'
रोज़ रोज़ जलते है, फिर भी ख़ाक ना हुए,
अज़ीब है, कुछ ख़्वाब भी, बुझकर भी राख ना हुए।।-
अब कोई कितने भी रंग बिरंगे सपने दिखाएगा
मैं धोखा खा चुकी हूँ मुझे अब सब में छल ही नज़र आएगा।।-