वो पुराना सा इश्क जो है
उसने मुझे आज तक बहका रखा है
वो पुराना सा इश्क जो है
उसने मुझे आज तक दिवाना बना रखा है ॥-
मेरी वफादारी का मुझसे सबूत न मांग साहेब
Jio के दौर में भी, वही पुराना सिम कार्ड रखता हूँ
- ©सचिन यादव-
रोज़ अब कौन बहाना ढूँढे
झूठ ख़ुद सारा ज़माना ढूँढे
सच ही होती है मोहब्बत यारों
इश्क़ जब यार पुराना ढूँढे
ज़िन्दगी को ही हक़ीक़त समझो
मौत हर रोज़ फ़साना ढूँढे
कितना भी दर्द छुपा कर रक्खो
तीर दुश्मन का निशाना ढूँढे
ख़्वाब आँखों में सजाकर 'आरिफ़'
क्यों तू दुनिया में घराना ढूँढे-
किसी रोज़ लाऊंगा कुछ किताबें खरीदकर रद्दीवाले से,
सुना है पुरानी बातें अक्सर कुछ नया सिखा जाती है!!
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तुझे देखे ज़माना हो गया है
इश्क थोड़ा पुराना हो गया है
बढ़ रही है मेरी बेकरारी
जैसे कोई खज़ाना खो गया है-
चाहता हूँ कुछ नया लिखना हर रोज़
पर याद आ जाती हैं वो पुरानी कहानियाँ-
कुछ नया लिखने के लिये
कुछ पुराना मिटाना होगा
दर्द भी दिखाना होगा
और मुस्कुराना होगा
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