शिसस्सस्सस्स.....
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Woman's part of life..
🙏
पीरियड्स महावारी रजस्वला
आखिर क्या है ये बला !!-
बेवज़ह दोषी कहा गया उसे
ये तो प्रकृति का खेल था
सुर्ख रंग फैला के, वो तो
यौवनावस्था का ग्रह प्रवेश था।-
तुम कितना भी मसिंक
धर्म पर लिख लिख
कर किताबें
भर दो
बोल बोल कर
कानो पर
जूं रेंगा दो
उद्देश्य खोखला है
नहीं लिखते मिथक के
सम्बन्ध में
नहीं लिखते
तुम हमारे धर्म के
खोखले नियमो पर
जो अशुद्ध और
पाप कहती है
मैंने सुना है इस रक्त की
मौजूदगी ही इन
बुद्धिजीवियों
को जन्म देती है ।।
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हम रोज नये अविष्कारों का आसमान छू रहे हैं,
तारे, मंगल ग्रह और चाँद छू रहे हैं;
पर आज भी 'व्हिस्पर' छिपा कर दिया जाता है,
ना जाने हम तरक़्क़ी के किस दौर में जी रहे हैं?
(इस पर पूरी वीडियो आने वाली है..."पीरियड्स")-
भाई -बहनों की मस्ती से घर गुंजायमान है
सब अपने -अपने कामों में मशगूल है
किसी ने पूछा भी नहीं कि
आज मैं कहां छिपकर बैठी हूँ!
वो दरअसल संयुक्त परिवार में यही हाल होते है न!
इतने सारे बच्चे की कौन कहाँ क्या कर रहा है
इतना ध्यान नहीं रहता...
जहां हर रोज हम अपनी तेज़ आवाज के कारण
हर किसी से डांट सुनते रहते है
वहीं आज अपने कमरे में तकिये को बाहों में
कसकर पकड़े हुवे
सुन्न हुवे पड़े है
जैसे कि मृत शरीर जिसमें कोई हलचल नहीं
दर्द अपनी चरम सीमा लिए हुवे
मगर मेरी सहनशक्ति की पराकाष्ठा
उससे कई गुना ज्यादा
अरे ! आप सोच रहे होंगे
हम ये कैसी कथा सुना रहे है...
दरअसल क्या है ना!
आज फिर महीना आया है !
बस यही बता रहे है
देखिये! बेझिझक खुलेआम कह रहे है
आज फिर दर्द संग एकांत में बतिया रहे है
शर्माना कब तक ...
स्त्री के जीवन की इस अहम प्रक्रिया को
बस अपनी सामान्य भाषा में साझा कर रहे है!
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