प्यार भरी नोक - झोक
कहानी
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जनाब, जो चाह हो मांगिए जब कहां उसने !
उनसेे उन्हीं को मांगने का ख्याल अच्छा था !-
मेरा इश्क़ महोबत के साथ-साथ हम प्यार भरी नोक-झोक भी खुब करेगा
और नही संभाला जाता अपना अश्को का समंदर मुझसे
ज्यादा करीब न आना मेरे
ये अपनी वाली पे आगया तो आँखों से फुट पड़ेगा।-
पकवान खाने की
काम में जरा हाथ बँटाए मेरा
तो तुम्हारी लड़की भी छत पर चढ़ी हैं
मत मंडराओ लड्डूओ पर तुम,बनके मक्खी
अभी पण्डित जी के आने की घड़ी हैं
अरे! देखो रसोईघर से आवाज़ आई
तुम तो बाहर खड़े हो फिर किसकी शामत आई
रौंद दिए लड्डू खा गई मिठाई
काश मैं ना करती तुम्हे पकवान खाने से मनाही
इसमें मेरी भी तो गलती बड़ी हैं और ये
बेशर्म बिल्ली सब चट कर के भी वही खड़ी हैं😡
-MANIKARNIKA(SUMAN)
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अजीब लगते हो
ना जाने कैसी कैसी
तो हरकतें करते हो
पत्नी हूँ तुम्हारी
ये भी भूल गए क्या
जो अपने बाॅस से
मुझे बहन जी और
मेरी सहेली को बीवी
कहकर मिलवाते हो😠😠
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शादी बालिग़ सही अब
इश्क़ तो नादान ही रहेगा सदा …
( दिल से अनुशीर्षक में)-
हर सही बात का उल्टा जवाब देकर
अपनी 𝐆𝐈𝐑𝐋𝐅𝐑𝐈𝐄𝐍𝐃 का पारा 𝐇𝐢𝐠𝐡
कर देना भी एक बड़ा 𝐓𝐀𝐋𝐄𝐍𝐓 है।।😜😅😂-
उसने कहां तुम बोलते क्यों नहीं,
मैंने कहां तुम समझती क्यों नहीं ,,,,,-
नैन मिले, चैन गया
मैं आगे, वो पीछे पड़ा
नजदीकी बढ़ी, प्रेम हुआ
खबर फैली, ब्याह हुआ...
...अब सुनो,
मैं अनुगामी बनी
शुरुआत बड़ी अच्छी रही
समय के साथ नोंक-झोंक भी चलती रही...
अब हम दो से तीन बने
थोड़े-बहुत जिम्मेदार बने
कभी लड़खड़ाये, कभी संभल गये
थोड़े बच्चे भी बड़े हुये...
जरा ढंग से उनके सामने बातें करने लगे
एक दिन गजब हुआ
हुआ यूं कि
हमारी हल्की-फुल्की बात
तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गयी
नाराज होकर उसने कहा
मुझे शांति चाहिये शांति...
वहीं बैठे बच्चे ने
तपाक से पाठ शुरू कर दिया-
" ॐ भूभुर्वः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो
देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात। "
।।ॐ शान्ति:।।
।।ॐशान्ति:।।
।।ॐ शान्ति:।।
।।इति श्री।।-
पहले कश्मीर सी हसीन, फिर उत्तराखंड सी रोमांचक.,
और आजकल तो तुम तालिबान सी खतरनाक हो रही हो.!!-