चमक रहा धरती पे चंदा और खुदारा क्या देखूं।
तुम बैठी हो आंखों में अब और नजारा क्या देखूं।
ख्वाहिश तेरी पूरी करने,जाने में कितना टूट गया।
देख लिया है शीशा अब तो और सितारा क्या देखूं।
एक अलावा मेरे दिल में तेरे सिवा कोई रहता न।
बार बार फिर झांक के दिल में दोबारा मैं क्या देखूं।
एक तुम्हारी आग अदाएं, बिजली है ये शर्माना।
तुम ही तुम शोला शबनम,अब और अंगारा क्या देखूं।
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सिमट के रह गई जिंदगी, ख्वाब फैलने के बाद ।
बचपन रह गया फक्त किस्सा पेशेवर जो हुए आज ।।
मगरपट्ठा की वो रौनक और देखा जब हिंजेवाड़ी का हाल ।
Easy कहा था कुछ भी pg ढूढना था एक सवाल ।।
जैसे - तैसे मिला जो कुछ सुबह दफ्तर शाम थी वहां।
नींद गई, चैन छिना, मां के हांथ का मिला फिर स्वाद कहां ।।
सब कुछ सह मंथ एंड में मिला क्या बस चंद रुपैया ।
ख्वाब रह गए जहन में चंद दिनों में पैसा हुआ हवा ।।
खैर जाने दो,मोहब्बत में भी कब कहां मिलती है वफा ।
जिंदगी है कट जाएगी बस तुम सब देना साथ सदा ।।
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एक नई शुरुआत.......
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भूले से भी अगर याद जो उसकी आए।
कॉल लगाऊं ब्लॉक बताएं क्या ही किया जाए।
लास्ट सीन है भरी दोपहर,एक पल कट न पाए।
टाइम हो गया आधी रात ,पर नींद मुझे न आए।
रील देख के चार सौ साठ बिता दी मैने सारी रात।
स्टेटस में है sad song , उस बिन लगे असहाय।
करुण रस में लीन मैं ‘आशिक’ प्रेम रोग तड़पाए।
कोई तो ले के हाल - चाल मुझको दे बतलाए ।-
पागल है वो लोग जो अपनों में अपना देखते है।
कलयुग है जनाब यहां अपने भी अपना देखते है।-
तुम मिल गई हमको ख्वाब देखा !
ख्वाब ही सही 'निक्की' लाजवाब देखा !-
आज बहुत उदास हूं, यूं तो कोई खास गम नहीं !
खुशियां ही इतनी है जितनी कि थी चाहत नहीं !-
मुझे भी अपनी मर्जी के मुताबिक जीने की चाहत थी !
पर लड़की थी ना खोखले विचारो से कहां राहत थी !
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