दो बूंद
नींबू की
खाने का
ज़ायका
बढ़ा देती हैं
बेस्वाद से
सुस्वादु
बना देती हैं
बस ऐसे ही
होने चाहिए रिश्ते
थोड़े खट्टे से,
थोड़े रसीले से
थोड़े चटपटे से
थोड़े नमकीन से
थोड़े मज़ेदार से
जो भारी ना पड़े
और निभ जाएं
एकदम हल्के से!-
कहाँ खबर थी कोई, की तुम इतनी बदल जाओगी,
खफ़ा होकर अनायास यूँ, अचानक रूठ जाओगी;
सच में, तुम जैसी किसी और में बात नहीं,
सच में, तुम बिन जीवन में कोई स्वाद नहीं।
बेस्वाद अब पानी और कितना गटके हम,
तुम ही बता दो , तुम्हारी चाहत में ,और कितना तरसें हम?
दुकान-मकान हमारे वाहन कार,
सबको तुमने कितना सँवारा था;
बुरा साया न कभी छू पाया हमें,
नज़र जो तुमने यूँ उतारा था।
तुमसे रस थे जीवन में सारे,
तुम बिन अब सब रस फीका-फीका-सा लगता है;
नज़र लग गयी शायद अब मेरी कलम को भी,
क्या लिखूँ और,..अलंकार-अनुप्रास रस-अद्भुत भी अब , नीरस-सा लेखन लगता है।
चलो अब बहुत हुआ ,
मना-मना के मैं भी थक गया;
बढ़े क्यूँ हैं इतने भाव तुम्हारे,
क्या तुम इतना बतलाओगी?
मान भी जाओ ना, ओ मेरी 'नींबू' खट्टी;
अब और कितना इतराओगी ?
अब और कितना तरसाओगी ?
-------- #yours_आशीष✍️😉💖-
नींबू जैसी हो गई है ज़िन्दगी...
जिसे देखो निचोड़ के चला जाता है...-
आज कल तो मच्छर भी ऐसे खून चूसने लगे हैं
जैसे खून नहीं नींबू शिकंजी पी रहे हैं
"बस! पी लो आज तो जितनी मिले"
क्या पता कल इंसानों के खून पर भी टैक्स लगने लगे ।।
🦟☠️🦟
...-
जिस प्रकार इस फल को समझ पाना मुश्किल है कि यह फल नींबू है या संतरा
आज़ के दौर में इंसान के व्यवहार को भी समझ पाना मुश्किल है कि वह जैसे बाहर से दिखता है वैसा वह अन्दर से भी साफ है
सुप्रभात
आपका दिन मंगलमय हो 🌞🙏🌹-
मेरे इस इश्क को शक्कर बना
और अपने हुस्न को पानी बना
बना नींबू सभी कड़वाहटों को दे निचोड़
और अपनी हवस को छलनी बना
छान ले इस इश्क के शरबत को तू
और फिर से प्यार का पोखर बना
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एक यही था गर्मी का सहारा
जबसे इसे पता चला है
इसके भी भाव बढ़ गए हैं 😀-
वो तो गुस्से में जल रही थी,
और मैं नादान ठंडे पानी में नींबू निचोड़ दिया ।।-
हर बड़ी चीज ... हमेशा बड़ी नहीं होती,
जो बात नींबू में है, मुसम्मी में नहीं होती!
😍😍😍
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