अपने किरदार में छुपकर मैं महफूज़ हूँ
बाहर तो जंग छिड़ी है बेबसों और धाकड़ों की-
अपना समझ कुछ दिन साथ क्या गुजार लीये
अपनी औकात को ही नजरअंदाज कर गए।
शागिर्द थे खुदा की बगिया के हम तो
भूलबस फूलों से मोहब्बत कर गए।
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हम धाकड़ है और दहाड़ में भी रहतें है
इसलिए लोग हमें बड़ा मग़रूर कहतें है
My Attitude is My Property
Non of Your Business 🤣😂-
जब से थी सिर्फ तू ही थी,
भूलने में थोड़ा वक़्त लगेगा।
मेरे जैसे जाने कितने थे,
तुझे तो बहुत वक़्त लगेगा।
एक बार सोचना तो जरूर ,
हासिल क्या हुआ इस सब से।
कभी पागल था ना तेरे पीछे,
अब नई दुनिया बनाने में थोडा वक़्त लगेगा।-
मुझे खाली कर दिया,
थोड़ा थोड़ा करके।
मेरे जज़्बात चल बसे,
थोड़ा थोड़ा करके।
मैं पत्थर सा हो चला,
थोड़ा थोड़ा करके।-
( ब्रज भाषा )
प्रेम का भाव वो का जानें,
जाने कबहूँ न करयो प्यार।
तू चाह मोहे तौ मै चाहूं तोय,
ये प्रेम नाहीं, ये है व्यापार।-
बस यूं करो, कि दूर रहो मुझ से,
अब तुम्हारे नज़दीक रहा नहीं जाएगा,
कई बार कोशिश कि मरने की,
अब हर रोज मुझ से मरा नहीं जाएगा,
मैंने वास्ता रखा जो तुम से अब,
घुट घुट कर ही तबाह हो जाऊंगा मैं,
जो ये मियादी घाव दिया है तुमने,
तुम्हारे नूरानी चेहरे से भी भरा नहीं जाएगा।-
मेरे ख्वाबों की कश्तियां डूबाने में,
हाथ था मेरे अपनों का।
बर्बाद होने की कगार पर हूं आज,
कुसूर बता मेरे सपनों का।-
आज़ादी चाहिए थी तुम्हें,
मुझसे और मेरे प्यार से,
आजाद परिंदों की तरह,
रिहा हो अब मेरे प्यार से,-