उतरना ही होगा आज उन्हे बगावत पे
जान से होती हूई बात आ चुकीं है दस्तार पे-
15 DEC 2020 AT 20:12
22 AUG 2020 AT 20:56
दस्तार मेरे इश्क़ की उसके हाथों से बंधी है,
नामुराद, नाकाम भले ही मेरे फेरों के सितारे रहे।-
22 AUG 2020 AT 18:43
हर पिता के सिर का दस्तार-ए-ताज है बेटी,
हर पिता का गुरुर है, अभिमान है बेटी।
priti Mehra-
26 JUN 2020 AT 12:45
हदे तो मैं भी पार कर सकती हूँ,
मगर दस्तार-ए-इज़्जत की फ़िक्र है,
कैसे झुक जाने दू उसे किसी के सामने,
जिसके मान सम्मान का चारो तरफ ज़िक्र है..।।-
25 JUN 2020 AT 19:07
दस्तार :- पगड़ी
दस्तार-ए-गुरूर है बेटी पिता के लिए !
आन बान और शान है बेटी पिता के लिए!!
priti Mehra-
25 JUN 2020 AT 17:55
// दस्तार=पगड़ी //
दस्तार रख दी,समधी के कदमों में
ताकि बिटिया खुश रहे, ससुराल में-
27 JUN 2021 AT 22:28
इस आदमी की दस्तार है तो इस की औरत के हाथ में
गर आबरू चली गई तो ना कभी बाज़ार सर निकलेगा-
25 JUN 2020 AT 18:10
तुम्हारा सर किसी के आगे इतना भी न झुकें
दस्तार को तुम्हारे कोई कदमों तले रौदे
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