तरक्की की फसल हम भी काट लेते
थोड़े से तलवे अगर हम भी चाट लेते
बस मेरे लहजे मे जी हुजूर ना था
ईसके अलावा मेरा कोई कसूर ना था
अगर पल भर को भी मैं
बे-जमीर हो जाता
यकीन मानिये मै कब का आमिर हो जाता
—Keshav sharma-
दुनिया को तलवे चाटने का शौक है,
हम इस शौक का ख्याल रखेंगे।
जल्दी ही आज नहीं तो कल
शौक पूरा करने का मौका जरूरी देंगे।
🙊🙉🙈-
मैंने काटने वाले को भी चाटते देखा है ,
तभी समझ गया था मतलब कितना बड़ा होता है ।-
किसी के तलवे चाटना मेरी फ़ितरत नही
सभी इंसान है 'विवेक' कोई ख़ुदा नही॥-
अब खुलकर आने का वक़्त हो गया,
गद्दारों को बताने का वक़्त हो गया।
ये भारत तुम्हारी जागीर नहीं,
ये उनको समझाने का वक़्त हो गया।
फैसले तुम्हारे और मर्जी भी तुम्हारी
हम मंदिर का घंटा है क्या, ये बताने का वक़्त हो गया।
क्या समझा है टुकड़ों मै बट जाएंगे,
अभी जिंदा है हम, ये बताने का वक़्त हो गया।
खाओ बिस्कुट तुम या तलवे चाटो किसी के,
गद्दारों को, राह दिखाने का वक़्त हो गया।
¶विशाल गायकवाड-
तरक्की की फसल हम भी
काट लेते....!
थोड़े से तलवे अगर हम भी
चाट लेते...!-
कुछ लोग तलवे चाटने को वफादारी समझते हैं,
उन्हें कह दूं इसे वफादारी नहीं डर की पूजा कहते हैं।-
खून जब उनका पानी हो चला है,
तो सत्य समझाना बेईमानी हो चला है,
तलवे चाटना अब आदत है उनकी,
इतिहास भी उनका कहानी हो चला है ।-
अहंकार से अंधे लोग किसी से मदद लेते वक्त भी अपना अहम नहीं छोड़ते। फ़र्क सिर्फ़ ये है कि, उस वक्त वो खुद से कम वालों को ऊपर से भी ऐटिट्यूड दिखाते हैं और ज्यादा वालों के सामने तलवे चाटने जैसा मुंह बनाते हैं।
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