मोबाइल एडिक्शन नहीं अब तो रील्स का कचरा है
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जिन्दगी इतनी पढ़ी लिखी होती है कि हमारे द्वारा कमाई सारी डिग्रीयों को डस्टबिन में फेंक देती है। और हम जिंदगी से भी ज्यादा पढ़े लिखे होते हैं कि वही डिग्रीयाँ फिर से उठा लाते हैं और लेके बैठ जाते है।
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मत झाड़ो उपदेश सब खीझ जायेंगे
ये शरीर नहीं डस्टबिन है
जिसमें बस रील्स भरी पड़ी है-
तमाम लोग तो बिचारे
यह भी तय नहीं कर पाते
कि किस पोस्ट को
हरे डस्टबिन में डालना है
और किसे नीले में....!
😢काहे चंदन घिसता नंदन😢
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शायद ईश्वर ने हमें कान दो और मुंह एक इसलिए दिया है कि हम सुनें ज्यादा, बोलें कम और दोनों कानों में छेद इसलिए कि किसी बात को हम एक छेद से सुनें और अपने दिमाग का इस्तेमाल कर पता लगायें वो हमारे काम की है या नहीं अगर काम की है तो उसे अपने दिमाग में स्टोर करें अन्यथा उसे दूसरे छेद से निकाल फेंकें ठीक वैसे ही जैसे हम डस्टबिन में कूड़े को फेंकते हैं
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मेरी असलियत
सिर्फ मेरा डस्ट-बिन जानता है
अपनी घृणा
अपनी असफलता
अपनी बेईमानी
अपनी होशियारी
अपनी बुराइयाँ
अपना आक्रोश
अपना मोह,
ये सब' अपने डस्ट-बिन में फेंक कर
बाहर निकलता हूँ मैं..
वो जो बाहर मिलता हूँ न आपसे.. ?
नकली..'मैं' हूँ
असली आदमी तो घर के डस्ट-बिन में है.. !-
वॉट्सएप यूजर से निवेदन है कि
आप पोस्ट / चैट / या कुछ भी फेंकने की
प्रवृत्ति की पुनरावृत्ति की
कुछ आवृत्ति प्रतिदिन जरूर करें !
फायदा कि , मैं जब कुछ फेंकने चलूं तो ,
आपका मुखड़ा तुरत दिख जाय ,
आपका नाम फट से मिल जाय !
दूसरा फायदा कि जब कुछ अच्छा भेजूं तब ,
डस्टबिन न मिलने पाए ...!-
साथियों,
जानते हो कचरे के डिब्बे के बाहर लिखा होता है
"Use me"
तो लोग उसे बड़ी ही नफ़रत से देखते हैं।
उसके पास से भी गुजरना पसंद नहीं करते।
पहले ही या तो side change कर लेंगें या
कुछ तो नाक भी बन्द कर के निकलते हैं।
कुछ तो कचरा उसके अन्दर डालना भी पसंद नहीं करते और बाहर ही डाल कर चले जाते हैं,
लेकिन उन बेवकूफों को यह नहीं पता होता
कि उनका कचरा उसने संभाल रखा है
तभी तो उनके घर में सफाई है।
उनकी बदबूदार चीजें रखी,तभी तो उनके घर में खुशबू है।
लोग कचरे के डिब्बे से नफ़रत भी करते हैं
और उसका इस्तेमाल भी करते हैं।
फ़िर भी वो कहता है "use me".
पता है क्यों?क्योंकि वो जानता है कि
वो है तभी दुनिया चमकदार है,
लेकिन दुनिया को उसकी कीमत नहीं पता
बुरा मत मानना
कुछ लोगों की भी हालत कुछ वैसी ही है
जो दुनिया को सुंदर बनाना चाहते हैं।
अन्याय,शोषण,अत्याचार एवं अन्य
गंदगी से छुटकारा दिलाना चाहते हैं,
लेकिन लोग उनका use भी करते हैं
और नफ़रत भी
ऐसा क्यों?
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