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तू है बुलबुला पानी का, मत कर म... read more
शेर: मुझे मालूम है कि तुम्हें नहाना बिल्कुल भी पसंद नहीं इसलिए तुम महीनों से नहीं नहायी. कोई बात नहीं. सर्दी बहुत पड़ रही है, मैं भी हफ्तों से नहीं नहाया लेकिन आज जंगल के भावी युवराज का राजतिलक है और तुम कोई ऐरी-गैरी नहीं मेरी मौसी हो. मैं तुम्हें मेरी इज्जत ऐसे बदबू में नहीं मिलाने दूंगा चाहे जो हो जाए आज तो तुम्हें नहाना ही पड़ेगा...!
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छोटे/बड़े हर चुनाव पूर्व नगरी-नगरी, द्वारे-द्वारे, गली-गली, कूचे-कूचे हर घर के हर दर पर किसी भी कीमत पर मत अर्जित करने की आस लिए मतदाता को विश्वास में लेने का प्रयास में भटकते करबद्ध नतमस्तक/साष्टांग प्रणाम मुद्राधारी मतों के महत आकांक्षी स्वनामधन्य आज के अधिकांशतः प्रत्याशी चुनाव के बाद मूलभूत जरूरतों से वंचित जनता द्वारा अपने अधिकारों और उनके कर्तव्यों का स्मरण कराने वालों के मुखातिब होकर खुले/छिपे तौर पर..👇— % &
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जब आप लोगों के बनावटीपन के झांसे में आकर बिना जांच परख के उनके तथाकथित आपातकाल में उन्हें दयावान/दानवीर बन पैसे उधार दें और उनके द्वारा तयशुदा समय पर न लौटाये जाने पर जब आप खुद के भीषण आपातकाल में उनसे याचक भाव से सामने से मांगें तो आपकी दरियादिली के दुष्प्रभाव के दर्शन कराकर वर्तमान युग के कटु यथार्थ के धरातल पर ला पटकने वाली लाइनें.. 👇👇👇👇👇
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जब exam paper बहुत tuff हो साथ में mines (-) marking भी तब OMR Sheet पर हर question के A B C D option में से किसी भी गोले को हर बार बड़े मन से fill करते वक़्त वो और बाकी बचे option मुझसे..👇👇👇👇
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बुढ़ापा किसी उम्र विशेष का नाम नहीं मनोस्थिति विशेष का नाम है. जब आदमी वर्तमान के दु:खों कठिनाइयों और संकटों का सामना करने के बजाय केवल भूतकाल के अपने सुनहरे पलों में डूबा रहना ज्यादा पसंद करता है तो समझ लीजिये की बुढ़ापा आ गया है भले आपके शारीरिक उम्र के आंकड़े कुछ और ही क्यूँ न बयान कर रहे हों.
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बगुला था पानी में एक
पंख थे उसके बड़े सफेद
काली कोयल उसे देखती
अपने मन में रोज सोचती
पानी में जा डूब रहूँगी
अपने पंख सफेद बना लूंगी
कई दिनों पानी में रहकर
मर गई कोयल ठंडी पाकर
नहीं नकल से काम है चलता
आदर तो गुण से ही मिलता-
खेलकूद कर
हंसकर रोकर
गिरकर उठकर
रूठकर
खुद को मनवा कर
न जाने कब
एक दिन
वो भी बन जाती है
जीती जागती मूरत
उसी ममता की-
स्कूल के पहले दिन एक दूसरे से अंजान बच्चों की भीड़ में किसी से कुछ भी न कह पाने की हिम्मत जुटा पाने वाले मेरे जैसे कुछ सीधे साधे बच्चे मन ही मन पूरी तत्परता और निरंतरता के साथ छुट्टी की घंटी बजने तक..👇👇
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