शायद... मन्नत का धागा हूँ मैं कोई,
बाँधा तो होगा कभी, यूँ ही कहीं
दुआ सा यूँ तो कोई... माँगता नहीं।
ख़्वाहिश़ हूँ मैं...
कुछ... पूरी सी और कुछ अधूरी,
पाकर यूँ तो कोई... पाता नहीं।
महसूस करता भी है वो मुझे,
और महसूस करना चाहता है,
चाह कर यूँ तो कोई ... चाहता नहीं।
निर्जल रहकर.. कुछ ना कह कर,
दुआ मेरे के लिए,
भूखा रह यूँ तो कोई... माँगता नहीं।
उपहार की ख़्वाहिश़ करूँ क्या भला,
चाहा जो उससे.... ज्यादा ही मिला,
कंजूस बहुत है पर करूँ क्या गिला,
नसीब में था जो... वो ही मिला 😐
अच्छी हूँ मैं... बहुत ही अच्छी,
पर महान... मैं बन भी सकती नहीं,
तारीफ़ कर दूँ... मैं यूँ ही तेरी,
नहीं... मैं ये कर सकती नहीं।
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अपुन,बोलेतो,भीड़ू ,ऊलजलूल
या अँग्रेजी के शब्दों को जितना
इतरा कर बोलते हैं...उतने ही
टशन में हिंदी शब्दों को बोलने
का प्रयास करो..चलन चल निकलेगा
अजीब नहीं लगेगा ..लोग हँसेंगे
फिर कॉपी करेंगे..मेरे मायके में
अक्सर बच्चे ..माँ ,माँते ,माताश्री
ज्यादा बुजुर्ग को माताराम बोलते हैं
😂-
सिर्फ हम ही उनके यादों में मरे....
भला इतना प्यार हम ही क्यों करे?-
मोहब्बत में भी सौदे का ख़्याल क्यों आया
कुछ ना सही तज़ुर्बा फिर भी मिलेगा-
If someone has टशन of ego from ages, and his/her compassion relies on शवासन then their is no guarantee that he/she understands even simplest form of life's अनुशासन।
Scorpionink ©
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क्या हुआ अगर उन्होंने हमको नही चुना,
कुछ टशन ही तो,
इतिहास का नया अध्याय लिखते हैं...-
कभी ख्वाबों को अपने तुम यहां पर धूल मत करना
मिलेंगे लाख काँटे राह,पग को फूल मत करना
के होगे तुम बड़े ही नाम वाले लोग बेशक ही
मगर मुझको भी कम समझो कभी ये भूल मत करना-
Rasto ki dhool🌪 or tote raste🔥🔥 nape hai hmne
Salam thokne🙋♂️ walo ki fauj yu hi nahi banti mere dost.-
कुछ आँसुओं से भरे, नयन ले के आ गये
कुछ हिफाजत में अपने, गन ले के आ गये!
एक हम थे, जो, पत्थरों के शहर में
बे-खौफ ,काँच का बदन ले के आ गये !!
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