मर कर भी जिंदा हैं ,आज भी कई लोग,
हम जिंदा होकर भी जिंदा नज़र नहीं आते।
ये तो बच्चों की हिफाज़त का तकाज़ा है,
परिंदे अपने लिए ,कभी घर नहीं बनाते।
ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है,
जो हाथ तो जोड़ते हैं मगर हाथ नहीं मिलाते।
सच की हिमायत कर रहे हैं जो लोगे,
घरों में सच के खौफ से चराग नहीं जलातेl
ये तो अदब में झुका है सर तुम्हारे कदमों में
मौत के खौफ से हम सर कभी नहीं झुकाते
बिन बताए समझाता है जो हाल ए दिल मेरा
हाले दिल उसी को सुनाते हैं हर किसी को नहीं सुनाते
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