चाह कर भी रोक ना पाया तुम्हे
चाहिये क्या था ये समझ ना पाया तुम्हे
अब बस यादें ही तुम्हारी याद आती है
तुम्हारे साथ होकर भी खोज ना पाया तुम्हे😔
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Harshad Rawat
(Harshad Rawat)
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हर फिक्र को धुंए में उड़ाता चला गया🙂
Joined 19 November 2019
17 FEB 2022 AT 14:22
6 JUL 2021 AT 22:23
हार जाऊंगा तो उठूंगा फिर
और लौट कर जरूर आऊंगा
मगर पहले से बेहतर बन कर🙂-
28 JAN 2021 AT 0:51
तेरे चेहरे की सिकन को पहचानता हूँ मैं
मुद्दतें दूरी को जानता हूँ मैं
चाहतें हमसे मिलने की तुम्हारी
दूरी-ए-गम जानता हूँ मैं
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25 JAN 2021 AT 19:36
समुंदर की लहरों सा है हौसला मेरा,
कभी कम कभी गहरा असर छोड़ जाते हम🙂-
25 JAN 2021 AT 1:37
कुछ अल्फाज़ अभी बाकी है,
कुछ शाज़ अभी बाकी है,
कुछ एहसास अभी बाकी है,
कुछ गुफ्तगू-ऐ-खास अभी बाकी है
रुक, कुछ सांस अभी बाकी है।*-
9 JAN 2021 AT 14:29
1 NOV 2020 AT 22:59
इस दुनिया की चार दिवारी मे हर कोई 2 4 दिन का मेहमान है
बस फर्क इतना है कि कोई मशहूर है तो कोई गुमनाम है।-