आजकल आँखे कम,जुबां ज्यादा लड़ाने लगी है
भर गया है मन शायद,अब छोड़ने की तैयारी करने लगी है-
दिल की बात कह दूं उससे
हमेसा दिल में ये जुस्तजू आती है
मगर जुबान ही नहीं खुलते है
जब कभी वो मेरे रूबरू आती है-
SHORT इसके बाल है,
कुछ लटें इसकी लाल 🔴 है,
नजरें 👀 इसकी तीखी है,
जुबान 👅इसकी फीकी है,
नाक👃जैसे कली है,
NOSE RING💍इसकी पीली 💛 है
मुस्कान लबों💋पर खिली है,
जिसे चाहिए वो ले जाए,
आज बाजार में सब्जी बड़ी सस्ती है।
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इस जुबान में हड्डियां नहीं होती !
पर इसी जुबान से
हड्डिया तुड़वाई जा सकती है !!-
मेरे मुंह में थोड़ी-सी ज़बान रहने दे,
आईना दिखाने को घर में सामान रहने दे।
मिली है मुद्दतों बाद ज़िन्दगी मुझे,
दो चार दिन और मेहमान रहने दे।
मन्ज़िले दूर हैं और कठिन रास्ते,
बरख़ुरदार को ज़रा परेशान रहने दे।
आई रोटी हाथ में अरसे बाद बमुश्किल,
उस गरीब को जरा हैरान रहने दे।
छीन लो चाहे मेरे पैरों तले से ज़मीन मेरी,
नई मन्ज़िलें पाने को दिल में तूफ़ान रहने दे।
नहीं हुँ मैं तुम्हारी महफ़िलों के मुताबिक़,
जैसा हुँ वैसे होने का मुझमें गुमान रहने दे।
"साफिर" को पहचानते नहीं ये मॉल वाले,
होती जहाँ बात दिलों की ऐसी एक दुकान रहने दे।-
बेवजह खुद को नाशाद कर रहा हूं मैं
उस कमबख्त पर वक्त बर्बाद कर रहा हुं मैं
हर रोज उसे भूलने की कश्मकश में
हर रोज उसे घंटो याद कर रहा हूं मैं-
शब्दों के तीर अपनी जुबान से
जरा संभल के चलाना
सुना है ऐसे वार से आवाज़ नही होती
पर दर्द बहुत होता है,
छलनी कर देता है दिल अंदर तक-
मैंने तो उसे सिर्फ एक्टिवा चलाना सिखाया था..
ना जाने कौन उसे पटर-पटर जुबान चलाना सिखा गया...-
खामोशियों की भी अपनी एक ज़ुबान होती है।
दर्द कितना भी हो पर होंटों पर मुस्कान होती है।-