🌼छोटी छोटी खुशियां 🌼
हाँ ,ये छोटी छोटी खुशियां
कभी होंठों की मुस्कराहट
तो कभी जीने का आधार बन जाती है ,
जब हालातों की ठोकरों से
दिल गमों में डूब जाता है ,
तब ये छोटी छोटी खुशियां ही
सुख रूपी ढाल बन जाती हैं |❇
हालांकि ये आस-पास ही होती हैं
पर अपनी भागदौड़ की जिंदगी में
हम इनको नजरअंदाज कर जाते हैं ,
और कुछ बड़ा पाने की चाह में
जीते जी ही मर से जाते हैं |❇
शेष अनुशीर्षक में पढ़ें ...निशि 🍁🍁-
बस आजकल आँखें साथ नहीं देती बिलकुल,
लिखने को भी अब मन नहीं करता बिलकुल।-
खो जाती हैं तो बहुत डर लगता है।
खोजते रह जाते हैं,पर वो नहीं मिलती,
हर पल डरते हैं की सूई पैरों में चुब ना जाए ?
जब मिलती है तो चेहरे पर मुस्कान आती है।
छोटी छोटी चीजों में बडी खुशियाँ छुपी होती हैं।
✍😊-
किसी बड़े restaurant में जाने की कोई ईच्छा नहीं मुझे
सिर्फ तुम्हारे साथ वो टपरी वाली चाय पीने की ही ख्वाहिश रखते हैं हम!-
किसी बड़ी खुशी के इंतजार में दुखी रहने से बेहतर है छोटी-छोटी खुशियों में खुश हो जाना🤗😊🙃
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छोटी छोटी खुशियाँ ही जी लिजिये!
ज्यादा खुशियों की चाह में कहीं!
ये छोटी खुशियाँ न छुट जाए।।-
लाल -गुलाबी रंगों के संग मनमोहक बहकावे आये,
खेल-खिलौने ,गुड्डे-गुड़ियाँ मेरा मन बहलाने आयें।
फिर भी बुलबुल कुछ न बोले , गोद में बैठी रोती बस,
पापा वो सब चीज दिला दो,जो जो रस्ते में दिख जाए।
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कहते हैं,
जिंदगी खुशियों का भी जहां होता है,
फिर क्यों हरपल,
हमें छोटी-छोटी खुशियां भी चुरानी पड़ती है।।
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बड़ी बड़ी खुशियों के इंतजार में
छोटी छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ करते है,
हम भूल जाते है कि
छोटी छोटी खुशियों से ही बड़ी खुशी मिलती है।
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