कहने को अल्फाज़ नहीं।।
और ज़हन में सवाल कई हैं।।-
फर्क बस इतना है तू बहोत दूर और तेरे दर्द पास हैं। [... read more
हां ये सच ही तो है,
किसी के ठहर जाने से वक्त नहीं ठहरता।।
और वक्त की अहमियत समझने वाले का,
कामयाबी रथ नहीं रूकता।-
बदली है तारीखें, बदले हैं साल
रास्ते वही, सफ़र वही,
मुसाफ़िर वही, मंज़िल भी वही।
बदली है तारीखें, बदले हैं साल
बाकी सब है फ़िर भी वही।-
कुछ लोगों को कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं
उनके जाने से जैसे जिस्म बेजान से हो जाते हैं
जो चला गया उसे फर्क नहीं पड़ता कोई
और जो खोया वो बेजुबान से हो जाते हैं
और जाने वाले तो चैन से सो जाते हैं
कुछ लोगों को कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं
उनके जाने से जैसे जिस्म बेजान से हो जाते हैं-
"हंसना मुस्कुराना" संग उसके अच्छा लगता था
दो वक्त ही सही "साथ बिताना अच्छा लगता था"
वो क्या गए ना "होंठों कि हंसी रही' ना रही मुस्कान"
उसके जाते जाते "जिस्म से जैसे निकल गई हो जान"-
ज़िंदगी के हर लम्हें का मज़ा लिया करो,
चाहे कोई छोड़ जाएं बीच राह में हर सफ़र का मज़ा लिया करो।-
मुझमें ही जलता हूं मैं!
क्रोध कि अग्नि में पलता हूं मैं!
इस क्रोधाग्नि में कहीं जल ना जाए कोई,
इस बात से डरता हूं मैं।-
राम राम का भजन सबने गाया है।
क्या किसी ने श्री राम के सद्गुण को अपनाया है।-