Laxman Jangid   (लक्ष्मण💞जाँगिड़)
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Joined 3 April 2020


Joined 3 April 2020
1 MAY AT 16:49

ऐसा क्या है तुम में जो में बार बार मेरे पास आता हूँ ..

तेरे दिल से ना जाने क्यों जुड गया connection मेरा ,
ना चाहते हुए भी खिंचा चला आता हूँ तेरे पास सदा ,

तू चाहे या ना चाहे मुझे मैं तो चाहता रहूँगा तुम्हें हर दफा ,
तू निभा या ना निभा मैं निभाता रहूँगा तुझ से हर वफा ,

सच ये है की मूझ में कुछ खास नहीं तु मेरे लिए खास है ,
तुम रहती दिल के पास हो तभी तुम दिल की आस हो ..

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22 APR AT 14:00



हृदय के तार जुड़े हैं तुमसे, जीवन की हर संध्या सजाई।
स्नेह की धारा बहती अविचल, हर मुश्किल में तुम संग पाई।

( कैप्शन )👇👇👇

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21 APR AT 8:45

बिन सपनो की रात देखी है
मेने अपनो की जात देखी है

वक़्त बदला तो रंग बदले सभी
हर तरफ़ एक औक़ात देखी है

शादी के जोड़े में वो चाँद सी लगी,
जाते हुए उसकी बारात देखी है।

आइने से नज़र मिलाई जब
अपने ही चेहरे में मात देखी है

तू अकेला नहीं तन्हा राह में
आंखों ने भी लाल बरसात देखी है

अब न रिश्तों से कोई उम्मीद बाकी है,
ख़ुद में ही एक पूरी कायनात देखी है।

जो बुझा नहीं, वो दर्द बना चिराग,
अंधेरे में भी इक सौगात देखी है।

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13 APR AT 0:33

ऐसा था वो मासूम चेहरा,
एक दीद से लगता था
पतझड़ भी बहार सुनहरा,
आईने मै घन्टो निहारती,
चेहरे में था क्या कोई राज़ गहरा,
काली घटायें सुधारस बरसाये,
सुंदरता सबके मन में आ ठहरा,
चेहरे पे थी बसन्ती फूलों की मस्ती ,
उसके आते जाते रास्तों पर था आँखों का पहरा,

कष्टों तकलीफ़ो को मिटाकर ,
जीवन में नई हौंसले उम्मीदे भर देती है,
दिल को सुकूँ चिंताओ से
मुक्ती का मीठा एहसास करा देती है,
मासूमियत से भरी एक मुस्कान से रूठे को मना लेती है,
मासूम चेहरा चाहे बड़ो का हो या बच्चों का,
दिल में बसन्ती बहारो की उमंगे भर देती है,
उदासी भरे जीवन में, जीत की परिभाषा,
नई आशा के संचार से प्रफुल्लित कर देती है...!!

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12 APR AT 23:29

बिसराये न बिसरे तेरे प्रीत भरे एहसास,

धड़कन धड़कन तुम बसे दूर रहो या पास,

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12 APR AT 10:59

।।महाबली-महाज्ञानी प्रभू करो अधर्म का संघार
हरलो तमस मेरे हृदय से विनती यही पवन कुमार ....

राम-लखन भटके जब थे,तुम सुग्रीव दियो मिलाए
दे दो वरदान भक्ती का अपने ,ये मन बड़ा अकुलाए.....

भक्ष लियो दिन कर को तुमने ,फल जैसो जो बुझाए
ओझल करो क्रोध मेरा भी ,भीतर-भीतर जो जलाए.....

लांघ गए सागर को तुम ,क्षण में लंका दियो जलाए
पार कराओ हर बाधा प्रभु, तत्क्षण नष्ट हो कुविचार जो आए....

उपार लाए गिरी द्रोण तुम, रघकुल की ज्योती लियो बचाए
दे दो संजीवनी अपने रस की ,चेतना तुममे अमर हो जाए....

लाए खगेश नाथ की रक्षा को,नागपाश जब मेहनाथ चलाए
मुक्त करो हमे भी विष से,मन के भीतर भरता जो जाए....

अहि-महि से की रक्षा रघुनाथ की पंचमुखी रूप दिखाए
करो हे नाथ रक्षा हमारी ,विपदा कैसी भी आए....

बताऊँ क्या तुमको प्रभु अपने संकट का आकार
कौन सो संकट होए ऐसो जो ना हारें पवन कुमार....!!
#हनुमानजयंती

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9 APR AT 16:19

बड़े खूबसूरत हैं तेरे अहसास के धागे
बन्धे रहते हैं तुझसे बिन बांधे..

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8 APR AT 22:51

मन करता है,
तुम्हे एक रोमांटिक सी रिस्पेक्ट दूँ...
तुम्हें "आप" कह के बुलाऊँ...
तुम्हारे आवाज देने पर "जी" का जबाव दूँ...
मन करता है,
सांझ ढले..साथ तुम्हारे..समुन्दर के किनारे...
डूबते सूरज पे बैठकर तुम्हें आसमानों की सैर कराऊँ...
मन करता है,
आसमान से चाँद तोड़कर, तेरे माथे पे टिका दूँ...
सितारों को तेरी जुल्फों में उलझा दूँ...
और रात को तेरी आँख का काजल बना दूँ...
मन करता है,
तेरे हर दर्द को अपना बना लूं...
तेरी आँख के हर आंसू को चुरा लूं...
तेरे होंठों पे मुस्कराहटों को सजा दूँ...
खुशियों को तेरे दर का पहरेदार बना दूँ...
मन करता है,
तुम्हें..
हां तुम्हें..
सिर्फ अपना बना लूं..।

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8 APR AT 20:42

खिड़की पे उतर आया चाँद।
तुम्हें सोते सोते जगा न दे।।

देख रही हो जो हसीन ख्वाब ।
कहीं उनको मिटा न दे ।।

कभी खड़ी न होना तुम।
खिड़की पे ज़ुल्फों को बिखराए ।।

बड़ी जालिम होती है।
या बादेसबा ज़ुल्फों को उड़ा न दे ।।

न देखा करो तुम सबकी तरफ ।
यूं मदमस्त निगाहों से ही ।।

कहीं कोई मनचला तेरे चेहरे पे।
अपनी निगाह गड़ा न दे ।।

ये खतरे की बात नहीं है लेकिन।
फिर भी आगाह करता हूँ ।।

कहीं तेरे बदन की कोई जुंबिश ।
किसी पे नशा चढ़ा न दे ।।

इतना हुस्न तुम्हें मिला है ।
बोलो उसे लेकर तुम क्या करोगी ।।

कभी कभी महफिल आ जावों ।
सहर की दिल तुमको दुवा दे...।।

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6 APR AT 23:29

तुम्हारा नम्बर डिलीट करने से पहले,,
कहीं ना कहीं एक गुंजाइश अभी बाकी थी...!!
डिलीट से पहले नोटिफिकेशन को दो बार पढ़ा मैंने...
DO YOU WANT TO DELETE THIS CONTACT  NO. PERMANENTLY...??

महज़ 10 अंक नही, 10 डोरियां थी...एक एक नम्बर से जुड़ी...

एक एहसास की
विश्वास की
दोस्ती की
अपनेपन की
ख्वाब की
ख्याल की
सपनों की
खुशियों की
उम्मीदों की
ख्वाइशों की

फिर OK दबाया और अब तुम शुमार हो गये
UNKNOWN की लिस्ट में 😔

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