QUOTES ON #चौकीदार

#चौकीदार quotes

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11 AUG 2019 AT 15:52

जहाँ लड़कियों को देवी माना जाता है
वहीं पर दरिंदगी का खेल खेला जाता है
इसलिए भी कुछ अब बेटी नहीं चाहते हैं
कुछ हवसी दरिंदे अपने ही निकल आते हैं
उनके बिन त्यौहार में तुम रौनक़ लाओगे कैसे
जब बेटियाँ ही नहीं होंगी तो पढ़ाओगे किसे
लूट रही है आबरू दिन पर दिन
अभी नहीं बचाओगे तो फिर बचाओगे कैसे
कहाँ गए वो सभी जो चौकीदार बने फिरते हैं
जब लूट रही है इज्ज़त तो सामने नहीं हैं
जब होगी बात शोक यात्रा, कैंडल मार्च की
तो शामिल होने जरूर जाएँगे
वहाँ की सेल्फ़ी खींच के सोशल मीडिया पर दिखाएँगे
फिर सब भूल कर अपने में मग्न हो जाएँगे
फिर कुछ दरिंदे अपनी हवस मिटाएँगे
फिर कुछ चिलाएँगे फिर शांत हो जाएँगे
इनको कहाँ पता है आज इनका नंबर आया है
हमनें भी गर मदद न कि तो कल मेरा भी आ सकता है
क्यूं नहीं सरकार कोई ऐसा नियम बनाती है
सालों चलने वाले मुकदमों की सुनवाई जल्दी नहीं कराती है।

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आजकल नींद ऐसी हो गई है
जैसे चौकीदार की नौकरी!!

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19 MAR 2019 AT 8:24

कोई गुरेज़ नहीं मुझे चौकीदार बनने से
मगर उससे पहले मुझे ईमानदार बनना है

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29 MAY 2019 AT 22:03

उजाले से ज़्यादा
अँधेरे से प्यार हो गया है
दिल चुराकर वो
धड़कनों का चौकीदार हो गया है

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11 OCT 2019 AT 9:59

दिन-ब-दिन ये देश डूबता रहा, चौकीदार जी मूक रहे
सावन तो कब का बीत चुका, क्या अब तक फूंक रहे

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4 APR 2019 AT 3:36

किसी की आँखों में नींद नहीं
उसने मेरे ख़यालों को जगाये रखा
जाने और कितने चौकीदार चाहिये उनको
सभी को काम पे लगाये रखा

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21 MAR 2019 AT 15:10

मैं भी चौकीदार
बुज़ुर्गों की ज़मीनों का
बाप दादाओं के खेत का
सौंप सकूँ विरासत बच्चों को
रहता हूँ शहर की चकाचौंध से दूर गाँव में
जहाँ कटती थी ज़िन्दगी कभी
सुकूँ की छाँव में
पर अब पहले जैसी बात नहीं
तारों भरे आकाश की रात नहीं
घात लगाए बैठे हैं
अगल बगल के पाटीदार
मैं भी चौकीदार

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31 MAR 2019 AT 13:20

हो रही सभा पर सभा,बोल रहे चौकीदार चोर..
पप्पू पीएम बनने को, लगा रहा पूरा जोर..

.. जोगीरा सा रा रा रा...

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10 OCT 2020 AT 23:48

मेरे देश में सबको यही बीमारी है।
सबको करनी चौकीदार की चौकीदारी है।

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30 APR 2021 AT 14:55

डरी डरी है ये धरा, डरा डरा है ये गगन
साँस रोके चल रहा डरते डरते ये पवन
छिपा हुआ शत्रु ये कौन कर रहा प्रहार है
तू कैसा चौकीदार है, तू कैसा चौकीदार

शर्म से झुकी झुकी पर्वतों की चोटियाँ
बन्द करो सेंकना राजनीतिक रोटियाँ
हर तरफ मचा है क्यों देख हाहाकार है
तू कैसा चौकीदार है, तू कैसा चौकीदार

जलती हुई चिताओं को आकर तुम निहार लो
भूल हुई तुमसे जो उसको तुम सुधार लो
करो स्वयं से प्रश्न तुम कौन जिम्मेदार है
तू कैसा चौकीदार है, तू कैसा चौकीदार

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