"सुनो,
तुम मेरे लिए न
श्याम रंग की चूड़ियाँ
लेते आना फ़िर मैं बेफिक्र
होकर तुम्हें अपनी कलाई सौंप दूँगी
और अपने हाथों से मुझे चूड़ियाँ पहना देना तुम
और सजा देना अपने प्यार से मेरी कोमल कलाई को!"
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चूड़ी केस में ,
सजा कर रखा है ,
एक स्त्री ने ,❤
अपने कई अरमानो को ,
रंग बिरंगे से है ,
अरमान उसके ,❤
पर वो कह नही पाती ,
पहन लेती है ,
लाल रंग की चूड़ियाँ , ❤
वो अपने आपको ,
सुहागन दिखाने को । ❤
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चूड़ी बाजे, कंगन साजे
पायल गाती पनघट पर
सुबह सवेरे गगरी भरने
राधा आती पनघट पर
कदम्ब के नीचे, अखियाँ मींचें
अधर पे हँसी, हाथ में वंशी
मोर मुकुट धर
श्याम खड़ा है पनघट पर
देख सजीला रूप श्याम का
राधा, खोई सुध-बुध पनघट पर
हर कोई देखे, कुछ न बोले
सोचे सब यही पनघट पर,
ऐ बावरी राधा
काहे गई तू पनघट पर
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-सन्तोष दौनेरिया-
और फिर मैने उसके जाने पर उसकी चूड़ियां तोड़ी नहीं उसे ही दे दी मुझे उसकी जान का डर था शायद।।
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चूड़ी पायल बिंदिया काजल
सब पड़े रहने दो
खींच के बांधों जुल्फों को और
एक लट गाल पर रहने दो
जानलेवा 😊❤️-
सबके सामने हाथ थामने का वादा
किया था उसने
आज वो चूड़ी बेचने मेरी गली में
आया है !-
आज सजन संग मनाऊंगी
लाल चूड़ियाँ
लाल लाल लहंगा पहन
फिर से दुल्हन बन जाऊंगी
मांग अपनी प्रीतम से
फिर से सजवाऊंगी
कपोलों पर हया की लाली होगी
अधर खामोश रहकर भी बोलते रहेंगे
जब तुम मुझे झूला झूलाओगे
और सावन के गीत गुनगुनाओगे
तब मैं और तुम
फिर से पुराने मनमीत बन जायेंगे।-