क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है
की किसी की याद में
इन्तेजार की घडियां लम्बी लगी हो
एक पल घंटो जैसा
और घन्टे दिन के जैसा
दिन हफ्तों के जैसा
हफ्ते महिने लगे
और महिने साल
और साल लगे सदियों जैसा
तो समझ लेना
किसी ने आपका फुर्सत
बड़ी सिद्दत से आपका चुतिया काटा है
और आपने भी बडे आराम से अपना कटवाया है
अगर कभी ऐसा हुआ है
तो आप बहुत बडे वाले चुतिया हो
धन्यवाद्-
पहले मैं बहुत इमोशनल हुआ करता था लोगों ने बहुत चुतिया काटा मेरा
अभी मैं प्रोफेशनल हूं घंटा फरक नहीं पड़ता-
तड़पाती है मगर तड़प जाने का नहीं,
ओय शिव, वो तेरा काटेगी मगर कटवाने का नहीं।
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बस काटने में लगा है।
समझदार को सिर्फ ईशारा कफि है,
अब तो ईशारों में भी कटौती हो रही है😂-
फूलों की लाशों में ताज़गी चाहता है,
आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है।
जिंदा है तो आसमान में उड़ने की ज़िद है,
मर जाए तो सड़ने को ज़मीं चाहता है।
आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है।।
काट के सारे झाड़ वाड़, मकान बना लिया खेत में,
सीमेंट बिछा कर जमीं सजा दी, मार के कीड़े रेत में।
लगा के परदे चारों ओर से, क़ैद है चार दीवारी में,
मिट्टी को लगने नहीं देता, मस्त है किसी खुमारी में।
और वो ही आदमी..अपने घर के आगे नदी चाहता है,
आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है।
टांग के बस्ता, उठा के तंबू, जाए दूर पहाड़ों में,
वहां भी डीजे दारू मस्ती, चाहे शहर उजाडों में।
फिर शहर बुलाए उसे तो, जाता है छोड़ तबाही पीछे,
कुदरत को कर दागदार सा, छोंड के अपनी स्याही पीछे,
और वही आदमी वापसी जकार, फिर से वही हरियाली चाहता है..
आदमी चूतिया है, कुछ भी चाहता है।
फूलों की लाशों में ताज़ा चाहता है,
आदमी चुटिया है ...
पहाड़ी लेखक @_ राहगीर-
आज फिर वक़्त के पहियों ने घुमाया है इसकदर
की दुनिया की मोहब्बत भी अब वेवकूफी लग रही है
और जिन्हें सोचा था अपना जीवन साथी
आज वही साथी हाथी बनकर ठग रही है
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इश्क मे कोई शायर बना तो कोई शोहर बना हम तो चुतिया बने
काश के हमारे ख्वाब बचपण मे पुरे हो जाते तो जिंदगी से लाडणा तो नहीं पडता-
उठ खड़ा हो मंजिल की और दौड लगा, दुनिया सलाम ठोकेगी, नही तो दुनिया चुतिया बोलेगी
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