कहीं खो गया कहीं अकेला मैं बैठा रहा
ख़ुशी तेरी आस में मैं क्या क्या करता रहा
बैठे रहे इंतेज़ार में तन्हा मैं हँसता रहा
गिनती अपने साँसों की इत्मिनान से करता रहा-
जुनून-ए-जुस्तजू किसकी , कमी क्या 'आरजू' में थी
शिकन पैदा हुई बेहतर , 'खुशी' क्या ख़ाक होती है-
जब हमारी खुशी के लिए
हम एक साथ थे
जब माँ बाप की खुशी के लिए
हम किसी और के साथ है-
जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में दुःख
मदद की देह ने
निकल पड़े आंसू
जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में खुशी
मदद की देह ने
लगा लिया गले
जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में सम्मान
मदद की देह ने
छू लिए गए पैर
जब असमर्थ हुए शब्द
व्यक्त करने में नाराज़गी
मदद की देह ने
उठ गए हाथ
जब शब्द और देह
दोनों असमर्थ हुए
व्यक्त करने में कुछ
मदद की मृत्यु ने....-
चंद्र बदन चपला सा चमके
सूरज नयन रिझाते
खो जाते उन्मुक्त हंसी में
छा जाते अंधेरों पर लाली-
प्यार खुशी है
खुशी घुटन में मर जाती है
प्यार आज़ादी है
आज़ादी बहुत त्याग मांगती है
प्यार त्याग है
त्याग हमेशा स्वेच्छा से होता है
नाराज़गी या नफरत से नही
प्यार नफरत नही है
पर नफरत और प्यार
एक रूप से समान है
नफरत तोड़ देती है
प्यार भी तोड़ देता है।-
अपनेपन में भी परायापन
खुशी में भी ना खुश
दर्द भी बेदर्द
महसूस होने लगा
तब हमने भी कह दिया कि जाओ....
आंसुओ को छुपा
दिल पे पत्थर रख
हालातो से समझौता कर
तब हमने भी कह दिया जाओ......
जब ना रही उम्मीद
बिखरे रिश्ते को समेटने की
हालातो से बेतहाश होने लगी
तब हमने भी कह दिया कि जाओ......
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ज़िन्दगी चाहे भी न तो 'मुस्कुराना' पड़ता है
हाल दिल का कुछ भी हो 'अच्छा' बताना पड़ता है-
खुश रहिये
बेवजह ही खुश रहिये
क्योंकि वजह से ज्यादा
देर तक खुश नहीं रह सकते|-
वर्तमान में वही मनुष्य खुश रह सकता है
जो अपने अतीत को भुला चुका हैं
और जिसे भविष्य की कोई चिंता नहीं है..-