अब तो..,
हर मुस्कुराहट में.. उदासी है ज़िन्दगी
ख़ुशियाँ तो छुप के कहीं
किसी बचपन की कॉपी में
टीचर की लिखी...
"बेरी गुड़" में ही रह गईं,
अब कौन देता है.. शाबाशी ज़िन्दगी,
हर मुस्कुराहट में.. उदासी है ज़िन्दगी!!-
भूलाऊँ किस तरहा वो दोनों आँखे... किताबों की तरहा जो याद कर ली!!😍
Pic Click By- बागी जी😃-
मेरे दोस्त बहुत खास है ,थोड़े हैं, बेमिसाल है!!मगर ,
अपने अंदर के टैलेंट को छुपाकर कॉपी करने में बहुत बड़े बदमाश है !!
संतोष अनुरागी-
वो चुपके से अपनी कॉपी को नीचे दबा देना,
स्कूल की वो नादानियाँ अब भी सूकुन देती है||-
अनुभव एक मात्र ऐसा पाठ है।
जो कोई और नही लिख सकता,
न आप किसी से कॉपी कर सकते।-
अब वक्त ने करवट बदल ली है,
अब बेटियाँ नही,
बेरोजगार लड़के माँ बाप के कंधों पर बोझ होते है......😥
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इंसान की पहचान तो उसी दिन से
बननी शुरू हो जाती हैं,
जिस दिन से लोग उसे कॉपी करना शुरू करदें।-
जिस पर
सब विषयों को
संभालने की
जिम्मेदारी होती है,
वो कॉपी अक्सर
रफ बन जाती है...
और वो कॉपी
हो जाती है लावारिस
एक दिन अपने अंदर
सब दुःखों को समेटकर!-
डिअर जालिमा,
मैंने संजो कर रखा है यादों को तुम्हारी
जैसे,
कोई गणित का विद्यार्थी संभालता है
सूत्र की कापी....।
😍-
डिअर जालिमा,
समेट ले चले इस शहर से हम,
अपना सामान,
और तुम्हारी यादें...😢😢
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