स्पर्श होता सुविचारांचा,
कुविचारांची गती खुंटली.
सुकलेल्या झाडांवरती,
चैतंन्याची पालवी फुटली.-
ना उपजे सोच कुंठित कुविचारों की
प्रेरणा है नदियां अविरल बहने की
पत्थरों से टकराते हैं ये हर मोड़ पर,
विचार नहीं बदलते मंजिल पाने की..-
किसी चीज को दिखाने के लिए.. हमे कोई न कोई निशान चाहिए..
समझना हो किसी इंसान को अगर.. यक़ीनन हम में भी इंसान चाहिए..-
●आज का कुविचार●
रोड़े बनकर आते है ज़िंदगी में...
कुछ लोग...
ठोकर से कम नही होते...-
○●☆ आज का कुविचार ☆●○
..दुःख दूर करने की, एक ही कला है..
..सदैव खुश रहिए, मेरी यही सलाह है..-
भीड़ में खोया हुआ इंसान खोज लिया जाता है,
परन्तु विचारों के भीड़ के बीहड़ जंगल में भटके हुए
इंसान का पूरा ही जीवन अन्धकारमय हो जाता है।
कुविचारों के मकड़जाल में
फँसकर इंसान का जीवन वैसे ही समाप्त हो जाता है,
जैसे मकड़ी अपने ही बुने हुए ताने-बाने में स्वयं को
बाँधकर अपना जीवन समाप्त कर लेती है।-
#क्षणिका
गर कभी,
निरंतर पथ पर चलने,
सच्ची लगन, अक्ल और
मेहनत का सही
ज़ायका चखना हो..
तो,
घुटने टेक
जैसे आप सभी
परमात्मा से अपनी
इंद्रियों के खुल जाने
की फ़रियाद करते हो
बस उसी प्रेमभाव से
कभी 'चींटियों से
मुलाकात करो....
🐜🐜-
याद रखें दिल से सम्बंधित विभिन्न रोगों का इलाज तो फिर भी सम्भव है पर यदि ह्रदय में अहंकार, द्वेष, लोभ, घृणा, नकरात्मकता आदि घर कर जाएं तो इनका इलाज बहुत कठिन है, इसलिए सेवा भजन सत्संग आदि से इन कुविचारों को आने से रोकते रहें
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मेरी नींद ही पूरी नही होती...
पता नही बीमार हूँ या धातुओं में स्वर्ण हूँ!!
माँ ने चाहा था नटखट कन्हैया...
पर मैं तो कलयुग का कुम्भकर्ण हूँ...!!!
"अब सोया जाए"
🙏😇-
☆ आज का कुविचार ☆
तेरी अर्ज़ी, दुआ, फ़रियाद, की दरख़्वास्त कोई भी उस तक पहुँचा सकता है..
लेकिन, तेरे हृदयस्थल के हर एक तल को, केवल तू ही झाँक सकता है..
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