Vikas Deep Verma   (King_Of_Underdogs)
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Joined 13 June 2019


Joined 13 June 2019
1 SEP 2021 AT 23:30

चाहत की एक और गली का रास्ता छोड़ आया हूं..
ज़िंदगी.. मैं फिर आज एक और कदम लौट आया हूं...!!!

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1 SEP 2021 AT 21:52

ठगती ही रही क़िस्मत जिसे दीप हर लम्हा..
वो क्या भला इसपे ऐतबार करेगा..
राहें तकेगा तेरी एक झलक को..
कभी कोई तेरा भी इंतज़ार करेगा...!!!

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18 AUG 2021 AT 18:51

लिखने का मज़ा तो काग़ज़-कलम में है "दीप"...
ये उंगलियों की टप टप मुझे पसंद नहीं...!!!

लिखा करता हूं हर हर्फ ही तेरे बारे...
मगर ज़ुबां से तेरा ज़िक्र मुझे पसंद नहीं...!!!

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18 AUG 2021 AT 1:47

क़यामत से पहले दिल बेताब होगा..
चाहत का मेरी तब हिसाब होगा..

तेरी बेरुखी का असर देखना तू..
तड़पता हुआ सा तेरा फवाद(फवद/दिल) होगा..

कहीं दूर दूजे मुकम्मल जहां में..
खुदा सा ही रौशन मेरा आफताब होगा..

खिलेंगी बहारें जहां फिर नई सी..
गुलिस्तां हमेशा ही शादाब होगा...!!!

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18 AUG 2021 AT 1:18

यक़ीन भी क्या कमाल की चीज़ है…..

मुझे है कि उसके सिवा कोई और नहीं चाहिए...
उसे है कि मुझे उससे बेहतर मिलेगी...!!

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18 AUG 2021 AT 1:12

कह दे मुझे जो तूने किसी से कहा नहीं..
मुझे सुनना है जो मैने कभी सुना नहीं..
ये ज़िंदगी अब बहुत छोटी जान पड़ती है..
जीने दे वो ख़्वाब जो कभी मैंने बुना नहीं..

दिल की बातें कहना बेअदब सा लगता है..
दे तसल्ली कि ये कोई गुनाह नहीं..
है जुर्म इबादत-ए-आशिक़ी अगर..
तो फिर मैं कोई बेगुनाह नहीं..!!!

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7 AUG 2021 AT 3:45

आ मिलना नींद की दहलीज़ पे...
कुछ ख़्वाबों की सौदेबाज़ियाँ हो जाएँगी...
कुछ गुलशन-ए-दिल ख़ुशनुमा होगा..
कुछ हल्की नाराज़ियाँ हो जाएँगी...!!!

ज़रा मौक़ा-ए-गुस्ताख़ी इस मुलाक़ात तो दो...
अगली मुलाक़ात फ़िर माफ़ियाँ हो जाएँगी...!!!

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6 AUG 2021 AT 0:03

नज़दीकियों से हर्ज़ नहीं मुझको..
तनहा गुज़ारना चाहता कौन सफ़र है..
तुमसे दूरी बेरुखी नहीं है मेरी...
पास आ कर फिर दूर जाने का डर है...!!!

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5 AUG 2021 AT 23:33

अपनी मुलाकातों में ज़रा इज़ाफ़ी चाहता हूं..
इश्क़-ए-पाक़ मैं जैसे वहाबी चाहता हूं..
गिला ना रखना तुम दिल में ज़रा भी..
कोई गुस्ताखी हुई हो तो माफ़ी चाहता हूं...!!!

काश ख़ुदा कर दे मेरी ये रज़ा पूरी,
मैं तेरे दिल के ताले की चाबी चाहता हूं..!!

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5 AUG 2021 AT 23:23

बेखबर हूं मैं "दीप".. के ये बहार कब तक है...
इन सांसों से मेरा क़रार कब तक है...

कहना चाहता तो नहीं.. मगर क्या पता...
तेरी ज़िन्दगी में मेरा क़िरदार कब तक है...!!!

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