मैं किश बन जाऊं तुम्हारी
तुम मिश बन जाओ मेरे
किशमिश बनने का ये ख्याल कैसा है
ओह! तुम तो हो ही नहीं मेरे
फिर तुमसे ये सवाल कैसा है-
हज़ार रंग मेरी ज़िंदगी मे
ओर में बस
रंगना चाहु तेरे रंग में ।♥️
मै नहीं कहता कि मेरी ज़िन्दगी में वापस आओ,
मै नहीं कहता कि फिर मेरी ज़िन्दगी गुलजार बनाओ,
मै नहीं कहता कि हर्फ दर हर्फ तुम फिर समा जाओ,
लेकिन तुझको तुझसे बेहतर जनता हूं ,
तू भी सुकून में नहीं मेरे सिवा,
कहीं भी किधर भी,
तू भी रंगना चाहती है मेरे ही रंग में,
जैसे कि मै तेरे रंग में...
फिर मिलना चाहती है "काजू"- "किशमिश" में....!!😣-
जाते रहते हैं आये दिन वो beauty parlor
सोचते हैं कि मिसाल-ऐ-हूर बन जायें
अब उन हसीनाओं को कौन समझाये
नामुमकिन है कि किशमिश फिर से अंगूर बन जायें
😂😂😋😋-
छूते है जब जब अहसास मुझको, तेरे
तन मन महके मेरा, मन बन मयूर नाचे
आते हो जब जब ख्यालो में तुम, मेरे
धड़कने हो बेकाबू न खुद पे रहे काबू
जितनी चाहत तन को मेरे लिये है, तेरी
उतने ही जरूरी हो तुम, मन के लिये भी मेरे
अजान हो,प्रार्थना हो या भोर की किरण हो
लगती हो मन्नत सी, जो हो गयी हो पूरी
मंदिर में चढ़े फूलों सी,मोहक महक तुम्हारी
काशी के घाट सी पावन लगते हो यार तुम हो
रहते हो हवा सी मेरे आस पास हरदम
कैसे न कहूँ फिर,तुम मेरे हो, सिर्फ मेरे
🙏💟शेष अनुशीर्षक में💟🙏-
मरने के लिए है बहुत वजह
जीने के लिये तुम काफी हो ।
दुनिया की हर दौलत से
ईक मुस्कान तुम्हारी प्यारी है।।-
उम्मीद की पोटली में, साल की खुशबू लाया हूं;
खुशी के काजू,
मोहब्बत के पिस्ते,
मासूमियत की किशमिश लाया हूं;
मैं वही सौदागर हूं,
फ़िर से दोस्ती का सौदा लाया हूं...-
जो खुद पर घमंड करते है अंगूर होने का,
तो याद रखना एक दिन किशमिश हो जाना है ।-
शाम का सुकून हो
रूह की तुम राहत हो
मेरी जिंदगी में आये
खुदा की नियामत हो
सोचते है तुमको पा के
क्या पाना बाकी है
तुम मिले तो लग रहा है
मुठ्ठी में जमाना है-
वो किशमिश काजू और
बादाम, नीलाम हो गए।।
किसी मस्जिद की सिवइयों में गिरे,
तो मंदिर की खीर के नाम हो गए।।
हैरान थे वो भी,
की लड़ाई किस मुद्दे पर थी।।
दो धर्मो को लड़ाया।।
और नेताओं के बिगड़े काम हो गए।।
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राख तो हुवा मगर खाक में मिला नही ।
थोड़ी सी हवा चली, तेरी ओर उड़ चला।।-