Kisi ke aane se nahi bharegi
Meri jagah meri rahegi
Jaaiye magar itna hai kehna
Lautne ki ijazat nahi milegi-
जो सवाल छोड़ आये सब...
जो साँप मुझे काटेगा
उसे पाल कैसे लूँ।।
उनके नूर से,
जो बचाले,
वो ढाल कैसे लूँ।।
और प्रेम में जो रंग दे
दुनिया को हमारी।।
वो सतरंगी गुलाल कैसे लूँ?
-
बचपने से निकलिये,समझदार बनिए
शायरी से क्या होगा,कामवाम करिये
बर्बाद करना है,तो इश्क़ कीजियेगा
पेड़ गिराना हो,तो जड़ पर वार करिये
इधर मेरा नाम,उस कोने पर हाँ लिखो
क़तार लम्बी है, आगे बढ़ते चलिए
ये सारे दरख़्त आदमी थे पहले
महबूब कह गया था,इंतेज़ार करिये-
Mai kayal tha tera,
Mohabbat sikhna chahta tha,
Ehsaan mand hun
Jo tune daga sikhai...
Tujhse behtar dost mila hai mujhe,
Akela nahi chhod ti ye tanhai...-
Maine to har choat ka bhi itna maza liya,
Ki haarne ko bhi khel bana liya
Kismat ne uthakar jo de mara
Mujhe zameen par,
Zameen ne uthkar gale laga liya-
यूँ ही नही हुए आज़ाद
सबने मिलकर ख़ून बहाया था,
हिंसा को अहिंसा ने गहरा सबक सिखाया था,
घर मे बैठ कर जो लोग,मालिक बन बैठे थे,
उन फ़िरंगी फ़ौजों को सीमा पार भगाया था,
मिलकर रहो जो रहना है,क्यूँ बातों में आते हो,
क्यों सरकार भिड़ाती हैं,और तुम भिड़ जाते हो,
याद रहे सब मिल कर ही,कर पाएँगे वतन आबाद,
लड़ कर छीनी थी आज़ादी,यूँ ही नहीं हुए आज़ाद..-
Bas ek din ko ban jaun jo tum jaisa,
Tum khud na bano fir khud jaisa...-
ताउम्र हर कदम पर साथ देना उसका,
अकेले जब होती है,तो घबराती बहुत हैं वो..
इज़हार करदेना खुद ही आगे बढ़कर,
इस इश्क़ के मामले में शर्माती बहुत हैं वो..
मन से बिल्कुल बच्ची है,शरारतों का तो कहना ही क्या,
पर काफी संजीदा हैं ऐसा दिखाती बहुत हैं वो..
वैसे तो कमी कुछ छोड़ी नही थी मैंने,
पर जो तुम्हे चुना है,तो चाहती बहुत हैं वो..
बिन कहे ही जान लेना हर एक बात,
दिल के एहसासों को अपने छुपाती बहुत हैं वो..
कभी गलती से न नाराज़ उसे करना,
जो रूठ गयी तो सताती बहुत हैं वो..-
Sheher me Afwah hai Ki Koi kaatil aya hai,
nazron se Dil ka Shikar karta hai,
Pakadne nikla hun Khaali haath use,
Dekhen zara Kaise iss Seene me Dil milta hai-