QUOTES ON #कलयुग_का_रावण

#कलयुग_का_रावण quotes

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1 OCT 2020 AT 9:25

रोज शिकार करता है ये शिकारी
कलयुग का रावण जो हवस का पुजारी।

आखिर कब होंगी महिलाएँ सुरक्षित सारी
मासूम ज़िंदगियों की बर्बादी है जारी।

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25 OCT 2020 AT 12:19

इतिहास की 'इति' का साक्ष्य
भले यह शब्द लगे कटाक्ष....
रावण-राम की चारित्र कथाओं ने
रची भले ही रामायण
विस्मृत नहीं हो सकेगा कथानक
दशानन तो एक ही था
राम भी बस एक..........
अब मर्यादा का बाँध टूटा
'अति' होती पाप की बाढ़ में
मनु 'यति',सति और रति की क्षति
आपूर्ति कौन करे?
अनगिन रावण का दहन कौन सा राम करे?
पुल साधे कौन?वानर भक्त कौन बनें?

25.10.200

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1 OCT 2020 AT 12:04

परिभाषा-ए-इंसान-ओ-हैवान नाखुदा कर्मों से है,
परिभाषा-ए-कर्म पूरी तरह से सोच पर निर्भर है,

लगा दे गर आईना-ए-सोच ये खतरा-ए-रिश्ता है,
छुपा हुआ होता तसव्वुर गर मुट्ठी बंद कर रखी है,

कलयुग के रावण को, कर कुर्बान, गर है इंसान,
मन-ए-हैवान मार दे पर्दा-ए-इज्ज़त उठ जाते है।

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कलयुग के वहशी दरिंदों ने रावण का झूठा चोला ओढा था.!
सतयुग के उस रावण ने भी कब सीता को नोचा था.!!

ज़िस्म नहीं रूह को भी उन्होंने तिल तिल मार दिया.!
वो कैसे इंसाँ जिसने इंसानियत को ही तार तार किया.!!

क्षणिक दुर्वेगों के लिए यह पाशविक अपराध किया.!
लज़्ज़ित है पुरुषार्थ सभी का जिसने मौन स्वीकार किया.!!

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कलयुग का रावण

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1 OCT 2020 AT 17:10

कलयुग का रावण बनकर
मानवता को नोच रहे
कहीं कोई राम बनकर आ
जाए यह न दरिंदे सोंच रहे
कर्मों से विचलित होकर
जरा भी न संकोच रहे

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1 OCT 2020 AT 14:04

नहीं कहती कलयुग का रावण, हुआ त्रेतायुग में सीता का अपहरण,
हर युग में औरत रौंदी जाती, राक्षस होता हर काल का अपराधी,

द्रोपदी का भी चीरहरण था, अस्मिता लूटी सरे आम थी उसकी,
कलयुग का बखान ना करना, रावण तो हर युगों का आदी।।



- पूजा गौतम

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1 OCT 2020 AT 14:37

कलयुगी रावनों की रावन से तुलना रावन का अपमान
रुह भी चित्कार उठे ऐसा कृत्य कर रहा है इंसान

बहन बेटियों को नोच रहा चील गिद्धों के समान
सारी हदें पार कर चुका इंसान रुपी शैतान

मासूम पर अत्याचार कर ख़ुद पर करता अभिमान
मानव कर्मों से भगवान भी हो रहा होगा हैरान

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1 OCT 2020 AT 10:57

बचपन में सीखने के दौर में न जाने कब चुपके से प्रवेश करता है, माँ बाप के प्यार में फलता फूलता है। यौवन के साथ पहली बार दस्तक देता है, समाज में बदनाम कर सबको शर्मिंदा करता है।
सही मार्गदर्शन से खुदके अंदर पल रहे रावण का संहार करना है हर दिन दीपावली माना कर खुद के अंदर पनपे बुरे विचारो का विनाश करना है। क्योंकि ये कलयुग का रावण ये हर जन में पलता है।

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1 OCT 2020 AT 15:45

रावण - महात्मा या दुरात्मा?
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