खुदा ने भी रिस्तों की क्या खूब नाम बनाया है।
जो वफा करे वो गैर, और जो बेवफाई करे वो अपना कहलता है।-
इतना हल्का तो कमजोरी Feel ना करा पाए,
जितना हल्का उसके जाने से दिल को Feel हुआ है...-
मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी ना समझना,
मैं खामोश हूं तो सिर्फ तुम्हारे लिए..!-
* हमारी ख़ामोशी को
हमारी कमजोरी
मत समझो साहब *
*जब हम अपने पे उतर
आए न तो खुद की
भी नहीं सुनतें है *
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न पुण्य से डरता हूँ न डरता हूँ मैं पाप से
मेरी एक ही कमजोरी डरता हूँ अपने आप से-
ये जमाना तुम्हें मेरी कमजोरी समझता है..!!
इन्हें कोई बताओं,
तुम्हें पाने के लिए मैं रोज खुदा से लड़ता हूँ..!!-
. ✍️✨वृद्ध नज़र✍️✨
नज़र को क्या नज़र लग गया था जो
ठीक सब, नज़र अब, नहीं आता हमें। ...✍️✨
कमजोरी का कारण ढ़लती उम्र थी या
तनाव, यह क्यूँ समझ नहीं आता हमें? ...✍️✨
चंद अल्फाज़ों को सहेजने में सालों निकले!
अद्भुत व्यथा न व्यर्थ हैं ये कुछ मेरे पिछले। ...✍️✨
रूककर, रूक रूककर, रूकावटें मात देता हूँ।
न रोक नई राहें कभी मैं, न गलत साथ देता हूँ। ...✍️✨
लेखन बचपन से जारी था जो पेशा है अब बना,
चाहत हैं कभी आए नाम फिल्मों में, जब बना। ...✍️✨
मेहनत तो की ही है वहाँ तक पहुँचने की,
जो साकार होगा एक दिन कुछ बनने की। ...✍️✨
फक्र से जब सर ऊँचा हो तो क्या बात हो!
बताना मुश्किल है जब खुद की औकात हो! ...✍️✨
खान पान, रहन सहन, दिनचर्या में परिवर्तन
कर नजरों में खिचड़ी पकाना है बिन बर्तन। ...✍️✨
भूखी नजरें जब सेहतमंद हों तो, लेखन का मजा कुछ अज़ीज़ होगा!
बेहतरीन हो चीजें तो हसीन समां में होने का मजा भी लज़ीज़ होगा। ...✍️✨-
किसी भी चीज की आदत एक हद तक सही है, क्योंकि उसके बाद वह हमारी कमजोरी बनने लगती है।
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