रास्ता हमें देख कर हँसने लगता है
हम जिस तरह तेरा रास्ता देखते है-
अपने घर में अपनों से
नजरें छुपाकर निकलती होगी ,
रास्ते भर सवालों की जाल में
मन ही मन फसती और बचती होगी |
रात के अँधंकार में
छुप-छुप कर ,
अपनी खिड़की से
चॉंद को घंटों तक निहारती होगी |
क्या दोष हैं उसका
यह एक सवाल
अपनी हाथों की लकीरों से
रोज पूछती होगी |
वो इंतज़ार ... मेरा इंतजा़र करती होगी |
- Sahani baleshwar
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बारिश में तुझ संग वो भीगना याद आया,
तुझसे उस रोज़ पहली दफा मिलना याद आया,
दोस्ती हुई, फिर इश्क़ भी मुसलसल हुआ,
खिला मुस्कुराता चेहरा मुझे मेरा याद आया।
बोझिल सी रातें हुईं अब, टूटा है दिल,
तेरा होकर फिर गैर होना याद आया,
क्यों होती है मोहब्बत चार दिनों की चांदनी?
तू सिर्फ़ एक याद है, ये याद आया।
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मैंने उनकी आँखों में सुकून देखा था अपना ।।
बड़े दिनों से बेचैन हूं यारों,
कोई मुझे मेरा सुकून दिखा दो....
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कुछ उलझे से ख़्वाब है आँखों में
और पलकों तले आज भी तुम्हारा इंतज़ार है
होंठों पर खामोश से कुछ अल्फाज़ है
जो सदियों से एक अफसाना सुनाते है..!-
मुझे रश्क हुआ बशर से के वो मुझे अपनी चलती फिरती ज़िन्दगी का किस्सा सुनाते हैं,
मैं ठहरा हुआ एक युगों से, मेरा सूरज देता फ़कत तपन, उजियारे जी चुराते हैं।— % &-
कल भी तुम्हारा इंतज़ार था ,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है ,
और हमेशा तुम्हारा ही
इंतज़ार रहेगा..!-
पलकों तले इंतज़ार की लौ जला रखी है
किसी राज़ की तरह होंठों पर सजा रखी है
तुम किसी दिन आना एक मुलाक़ात लेकर
दिल में एक उम्मीद की किरण दबा रखी है-
तुम्हारा दिया हुआ वो आख़िरी ख़त
जिसे मैंने बड़ा संभाल के रखा था
तुम्हारी ख़ुश्बू से भरा हुआ लफ़्ज़
रूह को महका रहा था
जिसमें तुमने सलाह दी थी..
ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए ,
तुम्हें भुला कर , ख़ुश रहने के लिए
तुम्हारा इंतज़ार नहीं करने के लिए !
लेकिन, तुम्हें कौन ये समझायेगा
मेरी ज़िंदगी हो तुम
देखो ना..
आज भी, मैं तुम्हें भुला नहीं पाई
आज भी, तुम्हारे बिना मैं खुश नहीं
और आज भी, मैं तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ-
#Waiting
एक अनंत सिलबट्टे पर
पीसती रहती हूँ
अपनी तमाम हसरतें
ख्वाहिशों का घोल बना
लगा देती हूँ छौंक
तन्हाई का
साथ में थोड़ी सी
तुम्हारी यादों की ताजी पत्तियाँ
बस....
तुम्हारी सौंधी महक में
फ़िर से महकने लगता है
मेरा इंतज़ार ए लबाबदार-