QUOTES ON #आजादीकामतलब

#आजादीकामतलब quotes

Trending | Latest

कुछ मर्यादा
जीवन के लिए जरूरी रखिए
जमाने को दोष न दीजिए
खुद की सोच उम्दा रखिए👍🌹🌿

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15 AUG 2019 AT 9:10

आज़ाद हो उन बंदिशों से,
जिसने जीवन में आगे बढ़ने से रोका हो.

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16 AUG 2021 AT 0:00

आज जो देशभक्ति जगाई है
क्या उसे हमेशा जगा कर रख पाओगे

हमारा देश आज़ाद तो बहुत पहले हो चुका है
क्या इसे हमेशा ऐसे ही आज़ाद रख पाओगे....

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15 AUG 2018 AT 20:33

आज़ादी का मतलब

चलो निभा ली वतनपरस्ती हमने !
हाथों में तिरंगे लहराकर,
आज़ादी के कुछ गीत गाकर,
यूँ आज मना ली जश्ने-आज़ादी हमने !
(पूरी रचना कैप्शन में पढ़ें)

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15 AUG 2021 AT 13:14

जश्न-ए-आजादी मुबारक हो,
सपनों का भारत मुबारक हो,
सरहद पर गिराए लहू जिसने,
उन वीरों की जीत मुबारक हो,
जुल्मत से निकलकर बुलंदी तक,
देशबंधु देशप्रेम मुबारक हो,
ऊँचाईयों पर लहराता तिरंगा,
खुला आसमान मुबारक हो,
भाषा, संस्कृति, विचार, वेशभूषा,
धर्मों की एकता मुबारक हो,
रंजिशों से मोहब्बत की ओर,
बढ़ रहा भारत मुबारक हो.....!!

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23 AUG 2020 AT 12:21

प्यार में आजादी होती है...
पाबंदी तो कैदियों के लिए होती है....

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15 AUG 2021 AT 12:09

देश को तो आजादी मिले 75वर्ष हो गए...
सोच में आजादी कब आयेगी!!

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9 AUG 2021 AT 20:05

ये समाज की एक विडम्बना है कि
स्त्री को ऊपर उठाते उठाते
हमने कब पुरुषों को गिरा दिया
पता ही नही चला।

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14 AUG 2023 AT 11:53

आज़ादी के मायने क्या हैं
हमें समझना होगा
आज़ादी का ये मतलब कतई
नहीं कि हम उद्दंड हो जाएं
या राष्ट्र, समाज और परिवार
की गरिमा आज़ादी का आड़
लेकर मिट्टी में मिला जाएं

रचना अनुशीर्षक में पढ़ें 🇮🇳🇮🇳

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15 AUG 2022 AT 17:50

लुटा दिया किसी ने अपने घर का केसर
मुझे केसरिया साफा पहनाने में
वार दी किसी ने अपने रातो की नींद
मेरे दामन में सफेदी लाने में;
भूल गया कोई अपनी बचपन-जवानी को
मुझे हरियाला छोगा ओढ़ाने में
छोड दिया किसी ने अपना खेत और घरबार
मेरे आंचल को हरा-भरा बनाने में;
ये तीन रंग जो मुझे सुशोभित करते है
ये तीनो रंग मेरे सपूतो के रक्त की गवाही है
मेरे शहीद क्रान्तिवीर सपूत ,अमर-आजादी के सिपाही है!
सुख ना मिला भगत को ,आजाद को मिला ना राज
कुर्बान किया अपना सबकुछ सौंपने को हमें भारत का ताज
हाथ लगी किसी को फांसी किसी ने छाती पर गोली खाई है!
आसानी से ना मिली आजादी ,बहुत बडी किमत चुकाई है
कोई जागता रहा बुनने को सपने स्वर्ण भारत के
किसी क्रान्तिदूत ने रोटी-कमल से लौ जलाई है
कोई उठा भोर को जल्दी; सूरज संग आंखे मिलाई है
किसी वीर ने छापकर अखबारो में अग्निलेख
क्रांति लेख से अंग्रेजो की आंखे मिचाई है!
हिन्दू-मुस्लिम, सिक्ख-गुरखा ना कहना हमें
हम सब हिन्द के वीर सिपाही है!

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