हे सर्वव्यापी अंतर्यामी अनंत जगत जननी
हे सखेगुरू निर्विकार नामरूप स्वरूप अनादि
हे देवो कि देवी देव"वेद"विश्वमाता परम् शक्ति
हमें सद्बुद्धि दें सद् मार्ग कि सत्य राह दिखाओ
हमें सच् में सत् सात्विक सत्य के सत् दर्शन कराओ
हमें सत् चित् आनंदा आनंदमय शुद्ध सिद्ध बनाओ
हे मातृ शक्ति हमें अपने चरणों तथा कार्यों में सदा
बनाएं रखना हे महामाया शिवा शक्ति परम् प्रज्ञा
हे मां प्रणाम्: हे आपको सत्यम्:-
मैं जा रहा था,
यह बात मुझे पता थी
तुम पीछे खड़ी मुझे देख रही हो,
मैं समय को रोक देना चाहता था
लेकिन असफल रहा,
मैं पीछे मुड़कर अन्तिम समय तक
केवल अलविदा में हाथ हिला पाया,
आँखों से ओझल होते हुए
पीड़ा की उस चुप्पी को
बस मैं और तुम समझ सकते थे,
मेरे लिए सबसे सरल
तुमसे प्रेम करना रहा
और सबसे कठिन
तुमसे पहली मुलाकात से विदा लेना।
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आम इंसान को फिल्मों में.
नजर आना चाहिए था,
लेकिन बो अख़बार के
हादसों में नजर आता हैं.
यही सबसे बड़ा हादसा हैं.-
चल चलते हैं हम उन राहों में,
क्योंकि युवाओं को जगाना है,
खाई है कसम मैंने भारत मां की
हर वक्त हर लम्हा अपने देश को आगे बढ़ाना है🇮🇳🇮🇳-
जहाँ महज़ खानापूर्ति होती है,
वहाँ भला कहाँ ख्वाब-पूर्ति होती है...???-
युवा वो वर्ग है, जो लड़े हालातों से,
ये वो जज़्बा है कुछ करने का उमंग से,
ना रुकने की हौसले का नाम है युवा,
कुछ बड़ा कर जाने की सोच है युवा
तूफानों से जो टकराए उस ताकत का नाम है युवा
उसूलों पर आंच आए तो दुश्मन से लड़ जाए वह है युवा
कोई कर जाते है अपनी जवानी देश के नाम,
तो कोई उड़ा जाते है जवानी जलते धुवे के समान
शीशा नही पानी है युवा,
गिर के टूटे नहीं ,अपितु रास्ते ढूढ़ ले वो है युवा।।
देश के लिए ,देश को समर्पित हैं हम युवा🇮🇳🇮🇳-
लोग अक्सर उसी चीजों को, हासिल करना चाहते है ...
जो हम पे बिल्कुल भी परवा न करते है...-
# मेरी जिंदगी का मुझको कोई नहीं भरोसा #
#अजय अमिताभ सुमन #
मेरे नाम में अचानक,ये क्या सूझी है तुझको?
बदनाम मैं बड़ा हूँ, दे दुँ तुझे मैं कैसे?
क्या है तेरा इरादा मेरी जिंदगी से तुझको?
अंजाम ईक बुरा हूँ, दे दुँ तुझे मैं कैसे?
उलझनों का मेरे जवाब नही कोई ,
तुझे चाहिए हिसाब ,दे दुँ तुझे मैं कैसे?
दिल रहा है शीशा मेरा पत्थर ये दुनियाँ,
तुम्हे चाहिए पर ख्वाब,दे दुँ तुझे मैं कैसे ?
मेरा मेरे मन से , रही दुश्मनी हमेशा,
तुम मांगते हो वादा, दे दुँ तुझे मैं कैसे?
मेरे साथ ही रहने का सही तो है इरादा,
पर गम हैं थोड़ा ज्यादा,दे दुँ तुझे मैं कैसे?
मंजिल न मेरी सीधी, ना मैं भी इतना सादा,
मन भावनी सी सूरत , दे दुँ तुझे मैं कैसे?
मरने में बड़ी बाधा, जीता हुँ आधा आधा,
तुझे प्यार की जरूरत, दे दुँ तुझे में कैसे?
शिद्दत से पड़े पीछे जज्बात के सौदागर,
खराब है मुहूरत , दे दुँ तुझे मैं कैसे?
मेरी जिंदगी का मुझको कोई नहीं भरोसा,
मेरी मौत पे हुकूमत दे दुँ तुझे मैं कैसे?
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