Ajay Kumar   (...अजय)
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Joined 25 February 2018


Joined 25 February 2018
3 AUG 2021 AT 21:44

तुम कहती हो ना,नीलीपक्षी हूँ 'तुम्हारा"
तो, कभी तुम हो जाओ ना 'हमारा"

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30 MAR 2021 AT 20:10

क्या,जमाना बदल गया...☺️
मेरे में,नोटों में बदलता जमाना दिख रहा है!
अब तो नोटों से जरूरत के सामान ही मिलती है!
याद आती है!!
उस दिन का जब,'मां" स्कूल के लिए दिया करती थी,
एक रुपैया...
क्या,जमाना बदल गया...☺️

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6 FEB 2021 AT 21:02

बेनकाब होने वाली आज पर्दे में हैं

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25 NOV 2020 AT 9:00

क्या मोहब्बत है?कल तलक नजरा था।
कल तलक प्यार था,ये मेरे दोस्त😢
क्या हक़ीक़त हैं?क्या कहानी था।
अब तेरे ये नाम एक कहानी है😢

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7 AUG 2020 AT 9:17

हर इंसान कें अन्दर अच्छाई और बुराई का जंग चलते रहती हैं!
फैसला आपका हैं,अच्छाई का साथ दोगें?या,बुराई का?
हर रंगोली से रंगे हो तुम,बस फैसला आपका है?
जमाना जनता हैं कि तुम क्या हो,और कौन हो?कौन अपने है?कौन फराये है?
और ये दौलत की अकड़ तुम मुझे न दिखाओ,
तेरे जैसे पता नही कितनो को चब रखे है!!
फैसला आपका हैं, अच्छाई का साथ दोगें?या,बुराई का?

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8 MAY 2020 AT 8:16

तेरी मोहब्बत को,हमारे दिल में चाह सी हो गई !
आज फिर तुमसे मिलने की एक लगन सी हो गई !
पर इसे कैसे समझाऊं कि,मिलने की अभी वो तारिक बाकी हैं!
तेरी चाहत की नहीं,अब तो सिर्फ तेरी निशा बाकी हैं!
मैं तेरे बेवफा होने से परेशां नहीं, मोहब्बत करने को पूरा जहां बाकी हैं!

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22 MAR 2020 AT 13:17

क्या! बताऊं तुम्हे अब...
जब भी तेरी याद आती है...
रूह ना, गज़ब धड़क आती हैं...
कि!सांस तुम लेते हो,
फेफड़े मेरे फुले होते हैं...
और हां! टेंशन में तुम होती हो...
और,धड़कन तेज मेरा हो रहा होता हैं..
तुमसे!प्यार किये तो,कुछ ही दिन हुए हैं...
क्या! ये करोना का डर तो नहीं हैं...

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19 MAR 2020 AT 10:13

बस ! अब तेरी याद सताने लगी है,
इन रातों में...
रातों को भी नींद चुराने लगी है,
इन रातों में...
तेरी मोहब्बत भी बेख़याली होने लगी है,
इन रातों में...
मुझमें अब तुम होने लगी हो,
इन रातों में..
कैसे,क्या करूं अब मैं?
इन रातों में...
कोई तो मिले,जो संभाले मुझे...
इन रातों में...

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9 MAR 2020 AT 13:37

तेरी इसी फितरत पे दुनियां रंग ए इश्क़ होने को है...
और आज सोने कहलाने वाली ये, आज बदनाम होने को है...

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28 FEB 2020 AT 13:32

इस जहर जिन्दगी में आबाद होने को थे,
पर क्या करू इन दीवानियो को²,
हर कदम पे इनकी नाश ही छायी थी,
हर गलियों मै इनकी ही नाम थी...
दुनियां तो इस पे फिदा थी,तो हम कोन थे²,
तो हमने भी सोच ही लिया⅔
कैसे क्या करे इन दिवानियो को²,
तो पता लगा आधा तो चढ़ चुके है,आधा तो गलियों में है,
तो मालूम चला हम तो नशे में है
आधी ही चढ़ी,पता चला ओ तो साली छोलियो में है²....

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