✍️~"बादशाह की चोरी - एक हिम्मत"~
वक्त आया ही कब था जो जाता, आखिर गुहार कर दी।
बादशाह सिंहासन से उठाने की मंजूरी स्वीकार कर दी।
बेनज़ीर थी बंदिशें पर बादशाह हमने दरबार पार कर दी।
हिम्मत तो ज़रा न था, बस शिकायतों ने शर्मशार कर दी।-
Sunday 2 August 2020
6A.M.. रूद्र शुभ मुहूर्त
पढ़ाई आरम्भ करने का सबसे अच्छा मुहूर्त।-
✍️"माँ की पसंद का भी जवाब नहीं..."🌴
मन में तराशे गए
सामानों की फेहरिस्त ले, 🎑.....🍃
आने के उस दिन की
इंतज़ार में सहेज के धरे, 🎀.....🍀
शायद दिल के अरमानों को पूरा करने का
मंसूबा खरा दिखा उन्हें। 🎉....🌿
जो दिन आया तो हमारे भी पैसे लगाया उन्होंने
खरीदने में जो ठीक लगा उन्हें। ✍️.....🌱-
~"मेहनत एवं ख्वाब"~
वाकिफ़ नहीं हैं आप जो ये फल की चाहत में
"मुन्तज़िर" रहना आपकी खैरियत खराब करेगी?
जो बहाया है आपने खून पसीना तो बस ज़रा
सब्र रखिए वो "मेहनत" जरूर "ख्वाब" भरेगी।-
"जाज़िब" था मुखड़े की चमक वह रोता अज़ीज़ जो लगता था।
मिट्टी थी पसंद उसे खाने में, सभी मिट्टी लज़ीज़ जो लगता था।
~"बच्चे की पसंद - मिट्टी"~-
~✍️सभ्य वार्ता~
बुजुर्गों ने हमें शिद्दत से सिखाया था कि
"देख ऋषि! कभी पीछे से प्रहार मत करना"।
कुछ कह न देना गलती से कभी जो ये दुनिया
समझे तुझे "तल्ख़ मिजाज़", हाहाकार मत करना।-
✍️"मस्त"
बंद अंधेरे से बाहर आईए,
उजाला कितना "मस्त" है!
घूटन नहीं होती है आपको,
जो इतने अंदर मदमस्त हैं?-
अगस्त फिर वो पुराना दर्द लाया है
भुला दिया था जो फिर वो याद आया है-
फ़लक पर बादल घिरे हैं मौसम भी भीना भीना है,
बारिश तो होनी है ये अगस्त का जो महीना है।-