आज विश्व साक्षरता दिवस है
ज्ञान ही धन है
ज्ञान और
अर्जित करने
चल पड़ा तेरी ओर मे
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जितना भी चाहू तुझे ,,क्यों रह जाती है कोई न कोई कमी।।।।।
मैं कुछ कहूँ न कहूँ ,,बयाँ कर ही देती है मेरी आँखों की नमी।।।।💖-
तेरी दुआ तेरा ही साथ हो
तेरे प्यार की बस इंतहा हो
अगर जन्म हो कोई दूसरा
हर जन्म में तू ही मेरी माँ हो.....-
सोचते नहीं,
सोचना पड़ता है,
सोच कर ही हम,
बस मुस्कुरा लेते हैं।
किसी का दिल चुरा,
पाए ना चुरा पाए,
चुरानें का सोचकर,
हम मुस्कुरा लेते हैं।-
क्या से क्या हो गया
मेरे गाँव की मिट्टी में पता नही किसने जहर घोला है।
चलती स्वच्छ हवाओ में प्रदूषण का जहर पाया है।
पेड़ काट के आधुनिकता का एक दाग लगाया है।
देख लो दिल्ली वालो को साँस लेने में दम घुट आया है।
बहती स्वच्छ नदियों में फैक्ट्री का केमिकल बहाया है।
कुछ दिन बाद उन्ही रुपयों से स्वच्छता अभियान चलाया है।
हमारा पैसा हम ही से छीनकर अपने नाम का विकास कराया है।
वोट बैंक के लिए हर मजहब को यू ही लड़ाया है।
पहले ही सतर्क हो कर खुशहाल गाँव को बचाना है।
हम सब को मिल कर इस लड़ाई से लड़ना है।
नही तो वो दिन दूर नही,जब मास्क पहन के घर से निकलना है।
ऑक्सीजन की पाइप लाइन हर घर को रुपयों में मिलना है।
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सुनो......
ना सोने का छल्ला चाहिए, ना चांदी का।
और Diamond का बिल्कुल भी नहीं।।
बस जिन हसीन गली से होकर तुम आओगे।
वहां से एक फूल ले आना, अगर देना ही हो कोई तोहफा।
तो अपनी कोई छाप छोड़ जाना।।-
तुम्हें पसंद नहीं कि सब मेरा दीदार करे।
और मुझे घूंघट करना बहुत पसंद है।।-
जरा सा यार🌹 मुस्करा दो
जिंदगी आसान हो जाएगी
यूं ना रहो कभी भी निराश
नहीं तो रौनक खो जाएगी।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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आजकल हमें कुछ अफसोस ही अलग है,,
क्योंकि जिस से पाला पड़ा उसकी ,,
शोच ही अलग है,,-
मैं दर दर भटका तलाश में ख़ुद के
मिला ना मैं कहीं भी
देखा तुझको , आंखे चौंकी
तुझमें ही था मैं कहीं ना कहीं
खोया तू सब छूटा
रूठा मेरा रब भी
ज़िन्दगी तन्हा दिल सूना
तू मेरी कब थी ?
जानू मैं ना जाने तू क्या
कहीं ना कहीं कुछ तो नमी थी
ना तू बेवफ़ा थी ना मैं बदजुबान
बस सारी मेरे दिल की कमी थी
बस इस नादान दिल की !-